कोलकाता, 24 अक्टूबर । कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ दर्ज चार मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और राज्य पुलिस की संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंपने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने वर्ष 2022 में शुभेंदु को मिली उस सुरक्षा कवच को भी हटा दिया, जिसके तहत उनके खिलाफ किसी भी नए मामले में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने से पहले अदालत की अनुमति आवश्यक थी। यह आदेश भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच चल रहे तीन मामलों पर सुनवाई के दौरान दिया गया।
अदालत ने इसके साथ ही राज्यभर में अलग-अलग समय पर दर्ज 15 एफआईआर को रद्द करने का भी निर्देश दिया। इन मामलों में शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ विभिन्न थानों में शिकायतें दर्ज की गई थीं।
दिसंबर, 2022 में न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने अधिकारी को राहत देते हुए राज्य पुलिस को यह निर्देश दिया था कि उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना उनके खिलाफ कोई नया एफआईआर दर्ज न की जाए।
शुभेंदु अधिकारी ने अदालत में दावा किया था कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, ताकि उन्हें जनता के प्रतिनिधि के रूप में अपने संवैधानिक दायित्व निभाने से रोका जा सके।
