कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री व ममता कैबिनेट में उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। उनकी सहयोगी अर्पिता को भी गिरफ्तार किया गया है। अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपये, 20 मोबाइल और सोना सहित विदेशी मुद्रा बरामद हुए थे। 24 घंटे से अधिक समय तक दोनों के घरों में तलाशी अभियान चलाने और लगातार पूछताछ के बाद शनिवार की सुबह ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से पहले दो सरकारी साक्ष्यों को लाया गया है और गिरफ्तारी संबंधी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाने के बाद पार्थ को निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के क्षेत्रीय मुख्यालय निजाम पैलेस में ले जाया गया है।
शुक्रवार सुबह नाकतला स्थित चटर्जी के घर सीबीआई के सात-आठ अधिकारी गए थे। उनसे दिनभर पूछताछ होती रही थी जिसकी वजह से उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। पुलिस सूत्रों ने बताया है कि शुक्रवार रात तक पार्थ चटर्जी के घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं जिनके घर में मौजूदगी संबंधी स्वीकारोक्ति पत्र पर अधिवक्ता की मौजूदगी में पार्थ ने हस्ताक्षर भी किया है। शुक्रवार देर शाम टालीगंज के एक और आवासीय परिसर के फ्लैट में पार्थ के करीबी अर्पिता चटर्जी के घर ईडी के आठ अधिकारियों ने धावा बोला था। वहां रात 8:00 बजे तक तलाशी के दौरान 20 करोड़ रुपये, 20 मोबाइल फोन, सोना और विदेशी मुद्रा सहित कई महत्वपूर्ण सामान जब्त हुए हैं। इधर देर रात को पार्थ चटर्जी के घर ईडी के एक और अधिकारी को ले आया गया। यहां केंद्रीय बलों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी। उनके घर के बाहर नेताजी नगर थाने की पुलिस तैनात है जबकि घर के चारों ओर प्रवेश की सुरक्षा केंद्रीय बलों के जवान कर रहे थे। रात भर तलाशी अभियान चलने के बाद शनिवार सुबह भी जांच पड़ताल और पूछताछ हो रही थी। अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोप है कि शिक्षक नियुक्ति के लिए पैनल की मियाद खत्म हो जाने के बावजूद उन्होंने गैरकानूनी तरीके से सलाहकार समिति बनाई और अवैध तरीके से रिक्त पदों का सृजन कर उन लोगों को शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया जिन्होंने या तो परीक्षा नहीं दी या पास भी नहीं हुए।
उल्लेखनीय है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में शुक्रवार को ईडी अधिकारियों ने एक साथ 14 जगहों पर छापेमारी की थी। इसमें पार्थ और अर्पिता के आवास के अलावा वर्तमान शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी और एसएससी सलाहकार समिति के सदस्यों सहित चंदन मंडल नाम के उस बिचौलिए का घर भी शामिल है जिस पर रुपये के एवज में प्राथमिक शिक्षक के तौर पर नौकरी देने के आरोप लगे थे।
