कोलकाता : इंडियन न्यूरोगैस्ट्रोएंटेरोलॉजी एंड मोटिलिटी एसोसिएशन (INMA) का आठवां वार्षिक कांग्रेस कोलकाता में संपन्न हुआ। दो दिवसीय इस कार्यक्रम का मुख्य प्रतिपाद्य विषय था “जीआई मोटिलिटी: अभ्यास, अनुसंधान और वैश्विक सहयोग”। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया सहित विभिन्न देशों से विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। करीब तीन सौ डॉक्टरों की मौजूदगी में पेट संबंधित रोगों की बढ़ती चुनौती और उनके उपचार पर विस्तार से चर्चा की गई।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि पेट के रोग भविष्य में महामारी का रूप ले सकते हैं। भारत जैसे करोड़ों रोगियों के देश में इस रोग के विशेषज्ञ मात्र 3,500 हैं और रोग-निदान के उपकरण अभी भी अत्याधुनिक नहीं हैं। इसलिए सटीक पहचान एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।
आयोजक संस्था के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. उदय चंद्र घोषाल ने बताया कि कोलकाता को न्यूरोगैस्ट्रोएंटेरोलॉजी शोध और जागरूकता का केंद्र बनाने की योजना है। सम्मेलन में उनकी विकसित दो नई एआई आधारित चिकित्सा डिवाइस भी प्रदर्शित की जाएंगी, जिन्हें पाचन रोगों के उपचार में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। पिजीआई और एम्स जैसी सरकारी संस्थाओं के डॉक्टरों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
यह सम्मेलन पेट संबंधी रोग चिकित्सा के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग और नई तकनीकों को साझा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।