– बजट घोषणाओं के लिए इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री का किया आभार-अभिनंदन
– सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा
– सीएमआर में हुआ अभिनंदन समारोह का आयोजन
जयपुर (आकाश शर्मा)।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही कई पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का केंद्र रहा है। इन चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से ’यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज’ के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि इन पद्धतियों में इलेक्ट्रोपैथी की विशेष महत्ता है और राज्य सरकार इसे प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शर्मा रविवार को मुख्यमंत्री निवास (सीएमआर) पर इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों की आभार एवं अभिनंदन सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए दूरगामी निर्णय ले रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने अपने पहले बजट में ही पारंपरिक चिकित्सा पद्धति इलेक्ट्रोपैथी को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड का गठन करने और इसके लिए प्रथम चरण में 5 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। साथ ही, बजट में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा के सम्बन्ध में परीक्षण कर नियम बनाने की महत्वपूर्ण घोषणा भी की गई है।
समारोह में सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा, राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति के सचिव प्रताप भानु सिंह शेखावत भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन अजीत मांडन ने किया। इस अवसर पर प्रदेशभर से आए हुए इलेक्ट्रोपैथी और होम्योपैथी चिकित्सक शामिल हुए।
स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं का निरन्तर विस्तार कर रही है। परिवर्तित बजट 2024-25 में स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वाधिक महत्व देते हुए लगभग 27 हजार 660 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है जो बजट का 8.26 प्रतिशत हिस्सा है। इससे आमजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होगी एवं स्वास्थ्य ढ़ांचे का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण होगा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी एक प्रभावी चिकित्सा पद्धति के रूप में उभर रही है। इस पद्धति मंा औषधीय पौधों के रस का उपयोग कर विभिन्न रोगों का प्रभावी रूप से इलाज किया जाता है। राज्य सरकार इस पद्धति के विस्तार के लिए संकल्पित है।
एक दीया आप जलाओ, एक दीया हम जलाएं
शर्मा ने कहा कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के संकल्प के माध्यम से केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाएं अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को लाभांवित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि समाज के प्रति नागरिकों के कर्तव्य भी होते हैं। इसलिए नागरिक जरूरतमंद तक इन सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। एक दीया आप जलाएं और एक दीया हम जलाएं, जिससे रोशनी फैले और अंधकार समाप्त हो।
विधायक शर्मा ने इलेक्ट्रोपैथी भवन की बताई जरूरत
इस अवसर पर सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि रामायण में आपने देखा होगा कि हनुमानजी ने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मणजी को जीवनदान दिया था, यही इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति है। विधायक शर्मा ने इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड के लिए इलेक्ट्रोपैथी भवन उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया। उन्होंने विधानसभा में उठाए गए मुद्दे पर संज्ञान लेने और बजट घोषणाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी प्रकट किया। साथ ही इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों की मांगों को पूरा कराने के लिए 15 वर्ष से संघर्षरत राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया को भी साधुवाद दिया।
सेठिया ने जताया सीएम का आभार
कार्यक्रम के संयोजक एवं राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया ने भी इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा के संबंध में अपने विचार प्रकट किए। सेठिया ने प्रदेशभर से आए हुए इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड एक्ट बनाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़, नरपत सिंह राजवी, कालीचरण सराफ, और विधानसभा में इस संबंध आवाज उठाने वाले विधायक गोपाल शर्मा और अन्य साथियों का भी आभार जताया।