मोदीजी के शपथग्रहण के साथ ही पूर्ण हुआ पं.आर्यगिरि का राष्ट्रोत्थान-व्रत
जामुड़िया। जामुड़िया के निंघा स्थित निंगेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी एवं कवि साहित्यकार पं. आर्य प्रहलाद गिरि ने सफल-सशक्त विश्वनेता के रूप में स्थापित हो चुके भारत के यशस्वी सेवक नरेंद्र मोदी जी ही तिबारा भी प्रधानमंत्री बने रहकर, देश को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जायें, इसके लिए ये इस 18वीं लोकसभा-चुनाव की घोषणा होते ही राष्ट्रोत्थान-व्रतानुष्ठान जप आरंभ कर दिये थे। जिसका समापन ये मोदी जी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के दिन आज ही पूर्णाहुति-हवन-प्रसाद-वितरण करके पूर्ण किये। जैसा कि किसी भी व्रतानुष्ठान तक बाल-दाढ़ी नहीं कटाया जाता है, इसलिए इस राष्ट्रोत्थान-जप की पूर्णाहुति के बाद ही पं.आर्यगिरि लगभग ढाई महीने से बढ़ी हुई अपनी बाल-दाढ़ी को भी कटवाकर, मोदी सरकार सहित पूरे देशवासियों व विश्व-वासियों के लिए भी अनेकानेक सद्भावना पूर्ण शुभकामनाएं व्यक्त किए। इन्होंने ने बताया कि जैसे हमारे प. बंगाल के लिए आदरणीया ममता दीदी बहुत ही अच्छा कर रही हैं, उसी तरह पूरे देश और दुनिया के लिए भी अभी मोदी जी जैसा विश्वनेता को बने रहना ही भारत की अत्यावश्यकता है। पीओके, कैलाश-मानसरोवर से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ में वीटोपावर दिलवाने की उम्मीद भी इन्हीं से की जा सकती है। विदित हो कि पं.आर्यगिरि तबतक नमक न खाने का व्रत ले रखे हैं जबतक कि हमारा परमतीर्थ- ” कैलास-मानसरोवर” चीन से भारत को वापस नहीं मिल जाता! इसके चलते कभी कभी इनकी बीपी काफी घट भी जाती है। चूंकि अयोध्या की अंतरराष्ट्रीय-पहचान को पुनः स्थापित करने वाले मोदी जी को अयोध्या से ही हार जाने के पीछे वहां के धर्माचार्यों की ही शर्मनाक नाकामी बताते हुए पं.आर्यगिरि ने बताया कि ये पेटू धर्माचार्य लोग यदि हिंदुओं में जकड़ी हुई जातिवादिता और धार्मिक-पाखंडों को मिटाने का सफल प्रयास किये होते, तो हमारे देश-धर्म की दुर्गति यों न हो रही होती। इस अवसर पर उमेश चौरसिया, दशरथ पासवान, दीलिप शर्मा, जीतेंद्र बर्मा, विकास पासवान,पुष्पा साव आदि भक्तगण भी उपस्थित थे।