कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लॉक के बगटुई गांव में भादु शेख नाम के जिस तृणमूल नेता की हत्या के बाद 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया उसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि साल भर पहले भादु की हत्या की प्लानिंग बनाई गई थी। आरोप है कि इसमें पुलिस अधिकारी भी मिले हुए हैं। जांच में शामिल एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि साल भर पहले भादु शेख के बड़े भाई बाबर शेख की हत्या हुई थी। उस समय प्लाश शेख और सोना शेख नाम के दो हत्यारों को भी पकड़ा गया था। मैराथन पूछताछ के बाद पता चला था कि उनका असली टारगेट बाबर नहीं बल्कि भादु थे। घटना का खुलासा होने के बाद स्थानीय एसडीपीओ ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर भादु की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा था। सुरक्षा में सशस्त्र पुलिसकर्मियों को तैनात करने की सिफारिश की गई थी। आरोप है कि बार-बार रिपोर्ट के बावजूद भादू शेख की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हुइ। इसी वजह से सवाल खड़े हो रहे हैं कि सब कुछ जानते हुए पुलिस ने इतनी बड़ी लापरवाही बरती है और भादु को खतरे के बावजूद छोड़ दिया गया। भादु की हत्या सोमवार की रात नहीं हुई होती तो जिन लोगों को जलाया गया है वह भीषण नरसंहार भी नहीं होता। दरअसल राज्य गृह विभाग भी इसे लेकर नाराज है और जिला प्रशासन से इस बाबत रिपोर्ट तलब करने की तैयारी हो रही है। खबर है कि जिला पुलिस अधीक्षक पर भी गाज गिर सकती है। आगजनी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर रामपुरहाट थाना प्रभारी और स्थानीय एसडीपीओ को पहले ही क्लोज कर दिया गया है।