बीरभूम नरसंहार स्थल पर पहुंची ममता बनर्जी, पीड़ित परिवारों को वित्तीय मदद और सरकारी नौकरी की घोषणा

 

कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट के बगटुई गांव में आग लगाकर कम से कम आठ लोगों को मौत के घाट उतारे जाने की घटनास्थल का दौरा गुरुवार अपराह्न मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया है। गांव में जिन घरों को आग लगा दी गई थी वहां पहुंचकर मुख्यमंत्री ने लोगों से बात की और मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद भी चेक के जरिए की। इसके अलावा जिनके घर पूरी तरह से जल गए हैं उन्हें घर बनाने के लिए दो दो-दो लाख रुपये का चेक भी मुख्यमंत्री ने दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की है कि जिन लोगों के घर 60 फ़ीसदी तक क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें मरम्मत के लिए एक-एक लाख रुपये की वित्तीय मदद की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि बगटुई की घटना में मारे गए तृणमूल नेता भादु शेख सहित जान गवाने वाले पीड़ित परिवारों में से 10 लोगों को नौकरी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मुख्यमंत्री कोटे से नौकरी देंगी। ममता ने कहा कि जो बहुमूल्य जिंदगियां चली गई हैं उसका कोई विकल्प नहीं हो सकता, ना तो नौकरी और ना ही वित्तीय मदद, लेकिन दोबारा जीवन शुरू करने और रोजी रोजगार के लिए राज्य सरकार इन लोगों को वित्तीय मदद के साथ-साथ सरकारी नौकरी के जरिए भी सहायता कर रही है।
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आगजनी की घटना में बाहरी लोगों की संलिप्तता का संकेत
– इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भादु शेख की हत्या और उसके बाद गांव के कम से कम 10 से 12 घरों में आगजनी की घटना में बाहरी लोगों की संलिप्तता के अपने दावे को घटनास्थल पर भी पहुंच कर दुहराया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी अपनी जांच करेगी। भादु शेख की पत्नी द्वारा यह दावा किए जाने पर कि उनके परिवार के निर्दोष लोगों को आगजनी की घटना में पकड़ा गया है, मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी निर्दोष को पकड़ा गया है तो उसे छोड़ा भी जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पहले तृणमूल नेता की हत्या और उसके बाद गांव के घरों में आगजनी के पीछे बड़ी साजिश हो सकती है। इसमें बाहरी लोगों के भी शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। जांच में इस दृष्टिकोण को भी देखना होगा।
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लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों की होगी गिरफ्तारी
– उन्होंने लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के संकेत दिए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाएगा जिन्हें जानकारी देने के बावजूद मौके पर बचाव के लिए पुलिस कर्मियों को नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि अगर समय पर पुलिस आ गई होती तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती।
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अस्पताल पहुंचकर घायलों से भी मिलीं
– यहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात करने के बाद आगजनी की घटना में घायल लोगों से मिलने मुख्यमंत्री सीधे रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जा पहुंची। यहां झुलसे हुए पांच लोग इलाजरत हैं। एक दिन पहले ही इन्हें आईसीयू से बर्न यूनिट में स्थानांतरित किया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बीरभूम जिले के तृणमूल अध्यक्ष अणुव्रत मंडल भी साथ थे जिन्होंने दावा किया था कि गांव में आग नहीं लगाई गई थी बल्कि शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। मुख्यमंत्री की स्कॉर्पियो गाड़ी में ही मंडल पीछे बैठे हुए थे।
उल्लेखनीय है कि बगटुई गांव में तृणमूल नेता भादु शेख की हत्या और उसके बाद आगजनी की घटना में पुलिस ने दो अलग-अलग एफ आई आर की है। इसमें जो धाराएं लगाई गई हैं वे हैं हत्या, आगजनी, आग लगाकर हत्या, धारदार हथियार से हमले और हिंसा फैलाने की कोशिश। जिन घरों में आग लगाई गई है वहां से फॉरेंसिक टीम ने नमूने संग्रह कर लिया है। एसआईटी के सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया है।

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