आसनसोल हिंदी अकादमी की नई कमेटी की पहली बैठक आयोजित, मुंशी प्रेमचंद्र के जन्मदिवस पर कार्यक्रम होगा

 

आसनसोल। आसनसोल हिंदी अकादमी की नई कमेटी के गठन के बाद सोमवार को इसकी पहली बैठक आसनसोल नगर निगम के सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता आसनसोल नगर निगम के मेयर सह हिंदी अकादमी के चेयरमैन विधान उपाध्याय ने की। मंच संचालन सचिव भोला हेला ने किया । कार्यक्रम में सर्वप्रथम उपस्थित सभी सदस्यों ने आसनसोल नगर निगम कार्यालय के समक्ष स्थित मुंशी प्रेमचंद्र तथा सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इसके पश्चात बैठक के दौरान सभी पदाधिकारियों एवं अतिथियों को गुलदस्ता उत्तरीय गुलाब फूल देकर सम्मानित किया गया। बैठक के दौरान हिंदी अकादमी के सचिव भोला हेला ने बताया कि हिंदी अकादमी पहले भी आसनसोल नगर निगम के अंतर्गत थी नई कमेटी के गठन के बाद आज पहली बैठक बुलाई गई। इस बैठक में आसनसोल नगर निगम के अंतर्गत विद्वान साहित्यकार समाजसेवी लेखक शिक्षक प्रोफेसर आदि उपस्थित हुए।  इन्हें लेकर हमलोगों ने हिंदी अकादमी के नई समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि आगे बहुत सारी चुनौतियां हैं परंतु हमें इन चुनौतियों से डरते नहीं हैं हिंदी के उत्थान के लिए हिंदी के प्रगति के लिए जो भी हमें करना पड़ेगा हमलोग करेंगे। सभी विद्वान  हमारे साथ हैं। छात्रों की हिंदी भाषियों को हिंदी के प्रति रुझान हो इसके लिए हम लोग विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम करेंगे। जैसे कवि सम्मेलन, लेख प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता लाइब्रेरी का निर्माण आदि कार्य करेंगे जिन इलाकों में हिंदी की जागरूकता की जरूरत है वहां हम हिंदी के विकास के लिए कार्य करेंगे हिंदी अकादमी यह सारे कार्य करेगी। सर्वप्रथम वक्तव्य आसनसोल हिंदी अकादमी के सदस्य तथा रानीगंज टीडीबी कॉलेज के हिंदी के वरिष्ठ प्रोफेसर डीपी बर्णवाल ने रखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदी अकादमी का प्रमुख कार्य है हिंदी का चतुर्दिक विकास करना। यह विकास तभी होगा जब हिंदी अकादमी लेखकों को शिक्षकों को स्वच्छ समाज बनाने के लिए तथा छात्रों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रेरित करें। प्रोफेसर के तीन काम होते हैं पढ़ना, पढ़ाना और लेखन करना। जो सिर्फ पढ़ाता है पढ़ता नहीं है वह अच्छा प्रोफेसर नहीं हो सकता। दूसरा काम है वह अध्यापन कार्य करना एवं तीसरा कार्य है कि वह लेखन करे, पुस्तके लिखे, रिसर्च करें पत्र पत्रिकाएं लिखें। हिंदी का विकास वही कर सकता है जो साहित्य प्रेमी हो। कोई सफाई कर्मी भी है अगर उसे हिंदी के प्रति प्रेम है वह लिखता पड़ता हो तो वह हिंदी का विकास कर सकता है। इसलिए गुपचुप बेचने वाले, पान बेचने वाले, सफाई कर्मी का बेटा भी आईएएस आईपीएस बन सकता है।
इस दौरान विधान उपाध्याय ने कहा कि कुछ वर्ष पहले हिंदी अकादमी का गठन हुआ था। अब फिर से डेढ़ दो वर्षों बाद हिंदी अकादमी की नई कमेटी बनी है। हिंदी अकादमी जिस तरह से पहले चल रहा था वह फिर से चले। इसके लिए हिंदी भवन को खोला जाए। आने वाले दिनों में जो भी जरूरत पड़ेगी हिंदी अकादमी के लिए किया जाएगा। हिंदी अकादमी का मतलब जो हिंदी बोलता है वह नहीं है वही हिंदी अकादमी में नहीं रह सकता है जो भी दूसरे के लिए कार्य करता है हिंदी के विकास के कार्य करता है। चाहे वह कोई भी भाषा भाषी हो, वह हिंदी अकादमी चला सकता है। जब भी जरूरत पड़ेगी आसनसोल नगर निगम हिंदी के साथ रहेगा पास रहेगा।
शिल्पांचल के प्रसिद्ध साहित्यकार संजय मिश्रा उर्फ सृंजय ने अपने वक्तव्य में कहा कि अकादमी शब्द ग्रीक शब्द है। यह एकादमिया से वह बना है इसका मतलब है मिलजुल कर विचार करना। अरस्तु के जमाने में एक बगीचा हुआ करता था जहां उनके शिष्य मिला जुला करते थे एवं विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श किया करते थे। उसे एकदमिया कहते थे। वहीं से यह शब्द आया है एवं विश्व के तमाम भाषाओं में फैल गया। हिंदी की कई अकादमियां हैं। दिल्ली में है, कोलकाता में है यहां भी आसनसोल नगर निगम की हिंदी अकादमी है। उन्होंने बताया कि वर्षों पहले जब मैं जौनपुर गया था वहां एक हिंदी भवन देखा, तो मेरा सपना था कि आसनसोल में भी अधिक संख्या में हिंदी भाषी रहते हैं उनके लिए एक अलग भवन हो उसके बाद यह बातें हमने आसनसोल के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के सामने रखी एवं एक बैठक हुई। जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों नेताओं से बात कर आसनसोल कि उस ग्राम में हिंदी भवन का निर्माण हुआ परंतु दुर्भाग्यवश वह भवन अभी अग्नि कन्या भवन के रूप में तब्दील हो गया है। फिर से हिंदी के विकास के लिए हिंदी भवन खोला जाए एवं एवं हिंदी के विकास के सारे कार्य वहीं से हो ऐसा मेरा हिंदी अकादमी इन सदस्यों से मांग है।
बैठक के दौरान उपस्थित अन्य हिंदी अकादमी के पदाधिकारियों ने अपने बर्ताव रखें जिसमें पवन गुटगुटिया, मधु डुमरेवाल, निधि पंसारी, डॉ बेचन प्रसाद, डॉ गणेश प्रसाद, गौतम लामा, डॉ प्रहलाद, बिरजू रजक आदि सदस्यों ने वक्तव्य रखा। सभी ने हिंदी अकादमी के विकास के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। अंत में हिंदी अकादमी के वाइस चेयरमैन दिव्यांशु भगत ने अपने वक्त अब रखते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।

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