रानीगंज। आज रानीगंज के एगारा ग्राम पंचायत माकपा प्रत्याशी राजू केवड़ा द्वारा आरोप लगाया गया कि उनको टीएमसी द्वारा जबरदस्ती डरा धमका कर उनका प्रत्याशी पद वापस लेने पर मजबूर किया गया इसके विरोध में आज माकपा के तरफ से बल्लभपुर फांड़ी मैं विरोध प्रदर्शन किया गया इससे पहले माकपा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पार्टी कार्यालय से एक रैली निकाली और बल्लभपुर फांड़ी पहुंच कर विरोध प्रदर्शन किया और वहां के प्रभारी को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी द्वारा उनके प्रत्याशी को जबरदस्ती नाम वापस लेने पर मजबूर किया गया है इस बारे में माकपा के प्रत्याशी राजू केवड़ा ने बताया कि आज दोपहर करीब साढ़े 12 बजे टीएमसी नेता संदीप गोराई अपने साथियों के साथ आए और उनको जबरदस्ती एक गाड़ी में बिठाकर ले गए और धमका कर नाम वापस लेने पर मजबूर किया उन्होंने कहा कि नामांकन के समय उन्होंने बांग्ला में हस्ताक्षर किया था लेकिन जब उनको नाम वापस लेने के लिए मजबूर किया जा रहा था तो उन्होंने बताया कि वह पार्टी नेतृत्व से बात किए बिना नाम वापस नहीं लेंगे इसके बाद वीडियो कार्यालय से उनको आमरा सोता फांड़ि लाया गया वहां पर उनको एक घंटे बिठा कर रखा गया और फिर उनको वीडियो ऑफिस लाया गया और इस बार हस्ताक्षर करवा कर उनका बताया गया कि उनका नाम वापस हो गया है इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कहा कि उन्हें फिर आमरासोता फांड़ि ले जाया जाए जब उनसे पूछा गया कि जब पुलिस मौजूद थी तो उन्होंने तब विरोध क्यों नहीं किया तो उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस मामले में पूरी तरह से तृणमूल कांग्रेस का साथ दिया है और उनके कहने के मुताबिक काम किया है वही एक और माकपा नेता सुप्रियो राय ने कहा कि आज जो कुछ उनके प्रत्याशी राजू केवड़ा के साथ हुआ वह अत्यंत निंदनीय है और इससे साफ जाहिर होता है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की स्थिति क्या है उनके प्रत्याशी को जबरदस्ती गाड़ी में बिठाकर तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा वीडियो ऑफिस ले जाया जाता है और पुलिस की मदद से नाम वापस लेने पर मजबूर किया जाता है उन्होंने कहा कि कुछ प्रशासनिक अधिकारी और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा मिलकर यह काम किया गया है उन्होंने बताया कि आज मामा की तरफ से वैसे भी एक रैली निकलने वाली थी लेकिन इस घटना के बाद उन्होंने बल्लभपुर फांड़ी के घेराव का फैसला लिया सुप्रिया राय ने कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस ने भी तृणमूल कांग्रेस का साथ दिया और बार-बार पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद भी कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया उन्होंने कहा कि जिस तरह से वीडियो कार्यालय में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा जबरदस्ती राजू केवड़ा का नाम वापस करवाया गया यह बड़ी शर्मनाक बात है क्योंकि वीडियो ऑफिस एक ऐसा स्थान है जहां पर सब को सुरक्षा मिलनी चाहिए लेकिन देखा जा रहा है कि वहां पर भी विपक्षी पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।