अपडेट : मवेशी तस्करी मामले में बाहुबली अणुव्रत मंडल गिरफ्तार, तृणमूल ने किया किनारा, विपक्ष ने ममता से मांगा इस्तीफा

कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद खास और राज्य के सबसे विवादित बाहुबली नेता रहे बीरभूम जिले के तृणमूल अध्यक्ष अणुव्रत मंडल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने मवेशी तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इसकी पुष्टि करते हुए सीबीआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर के गौड़ ने बताया कि मंडल को लगातार 10 बार समन भेजा गया लेकिन वह लगातार दरकिनार करते रहे और जांच में बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहे थे। इसके बाद गुरुवार सुबह सीबीआई की टीम बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित उनके घर पहुंची और हिरासत में लेकर आसनसोल के ईसीएल गेस्ट हाउस में लाया गया। यहां पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं करने की वजह से शाम 4:00 बजे के करीब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें आसनसोल के विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया जहां शाम 6:00 बजे तक सुनवाई होती रही। केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें 14 दिनों की हिरासत में लेने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें 10 दिनों की यानी 20 अगस्त तक सीबीआई हिरासत में रखने का आदेश दिया है। मंडल के अधिवक्ता संजीव दा ने बताया कि हिरासत में रहने के दौरान अगर उनकी सेहत बिगड़ती है तो कोर्ट ने उन्हें अलीपुर के कमांड अस्पताल में भर्ती करने का भी आदेश दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि अणुव्रत मंडल की जमानत याचिका नहीं लगाई गई क्योंकि उनके खिलाफ लोगों का जो मनोभाव बना है उसे देखते हुए जमानत की याचिका लगाना लोकहित में नहीं था।
विपक्ष का प्रदर्शन
-इधर न्यायालय में अणुव्रत मंडल की पेशी के दौरान उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी और माकपा के नेता और कार्यकर्ता लगातार न्यायालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता समेत राज्य के अन्य हिस्सों में गुड़ और इलायची बांटकर जश्न मनाया है। कई जगहों पर मंडल के पुतले भी फूंके गए हैं।
दरअसल पश्चिम बंगाल में 2021 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या पर टिप्पणी करते हुए अणुव्रत मंडल ने कहा था कि लोग मारे नहीं जाएंगे तो क्या उन्हें गुड़ और इलायची खिलाया जाएगा। इसी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने सांकेतिक विरोध जताया है।

बीएसएफ के कमांडेंट सहित अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है सीबीआई
– उधर सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौड़ ने बताया कि 21 सितंबर 2020 को इस मामले में बीएसएफ के कमांडेंट सहित चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सात फरवरी 2021 को पहली चार्जशीट पेश हुई थी। उसके बाद 23 फरवरी 2021, 24 नवंबर 2021 और आठ अगस्त 2022 को तीन सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी आसनसोल के विशेष सीबीआई कोर्ट में दाखिल किया गया है। इस मामले में अणुव्रत मंडल के बॉडीगार्ड और राज्य पुलिस के साधारण से कॉन्स्टेबल सहगल हुसैन की गिरफ्तारी के बाद जांच में उसके पास सैकड़ों करोड़ की संपत्ति मिली है।

ट्रकों में भरकर मवेशियों को सुरक्षित सीमा पार बांग्लादेश पहुंचवाता था अणुव्रत
– जांच में पता चला है कि अणुव्रत मंडल ने राज्य के इलम बाजार में मौजूद पशु हाट (पशु बाजार) से बड़ी मात्रा में मवेशियों की खरीद और उन्हें सीमा पार सुरक्षित पहुंचाने के लिए अपने सत्ता बल का इस्तेमाल सालों तक किया है। इसके एवज में अरबों (1300 करोड़ से अधिक) रुपये की धनराशि ली गई है। इसी मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है और अब पूछताछ होगी।

विपक्ष ने मांगा ममता का इस्तीफा
मंडल की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि अणुव्रत ममता के बेहद खास हैं। इसी तरह से ममता के एक और खास पार्थ चटर्जी की शिक्षक नियुक्ति मामले में गिरफ्तारी हुई है जो सरकार के चेहरा थे। ममता बनर्जी ऐसे लोगों से अपने आपको अलग कर जिम्मेवारी से नहीं बच सकतीं। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि अणुव्रत मंडल की गिरफ्तारी तो ट्रेलर है और बड़े लोगों की गिरफ्तारी होगी। उन्होंने मंडल को परामर्श देते हुए कहा है कि जिन लोगों के संरक्षण और निर्देश पर वह भ्रष्टाचार करते रहे हैं उनका नाम केंद्रीय एजेंसियों को बताने की जरूरत है।
प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि उनका खेल खत्म हो गया। अब उनके राजनीतिक आकाओं (ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी) की बारी है।
माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा है कि अणुव्रत मंडल की गिरफ्तारी काफी पहले हो जानी चाहिए थी। वास्तव में राज्य में हर तरह के भ्रष्टाचार का एक ही रिंग मास्टर है और वह राज्य की प्रमुख हैं।

तृणमूल ने किया किनारा
– दूसरी ओर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने अणुव्रत मंडल की गिरफ्तारी के साथ ही उनसे किनारा करने की घोषणा कर दी है। पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि भ्रष्टाचार को किसी भी तरह से पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। अणुव्रत मामले में तृणमूल किसी भी तरह से हस्तक्षेप नहीं करेगी ना ही रोड़ा बनेगी। कानून अपना काम करें। जनता के साथ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार को बिल्कुल संरक्षण नहीं दिया जाएगा।

10 बार अणुव्रत को समन भेज चुकी थी सीबीआई
– उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर 25 अप्रैल 2021 को सीबीआई ने अणुव्रत मंडल को पहली बार नोटिस भेजा था लेकिन वह नहीं गए थे। इसके बाद से आज तक उन्हें 10 बार नोटिस भेजा गया था और हर बार एसएसकेएम अस्पताल अथवा किसी अन्य सरकारी अस्पताल में भर्ती होकर जांच से बचते रहे थे। गत सोमवार को भी वह एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती होने गए थे क्योंकि उस दिन भी उन्हें सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन अस्पताल ने साफ कर दिया था कि उन्हें भर्ती नहीं लिया जाएगा, वह स्वस्थ हैं। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। ऐसे में अस्पताल के इस रूख से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि ममता ने अणुव्रत से पहले ही किनारा कर लिया था जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हुआ है।

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