आरसीएम की रूपांतरण यात्रा में 20,000 से अधिक नवोद्यमियों की सहभागिता; दुर्गापुर में मिला जबरदस्त जनसमर्थन

 

दुर्गापुर, 28 अक्टूबर: आरसीएम की राष्ट्रव्यापी रूपांतरण यात्रा के शुभारंभ के बाद से अब तक लाखों नवोद्यमी इससे जुड़ चुके हैं, जो कंपनी की जन-आधारित विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यात्रा का नवीनतम पड़ाव दुर्गापुर रहा, जहां हजारों नागरिकों ने स्वास्थ्य, सेवा और संस्कार को बढ़ावा देने वाली विभिन्न सामुदायिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी की।
दुर्गापुर और इससे पहले आयोजित 20 शहरों में लाखों लोगों की भागीदारी को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 75 शहरों की इस यात्रा के 23 दिसंबर 2025 को समापन तक इसकी पहुँच लगभग एक मिलियन लोगों तक हो सकती है।
दुर्गापुर कार्यक्रम में युवाओं, महिलाओं और परिवारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने रक्तदान किया और स्वस्थ जीवनशैली व आत्मनिर्भरता के बारे में जानकारी प्राप्त की। लोगों का सामूहिक उत्साह इस बात का प्रमाण था कि वे केवल उपस्थित होने के लिए नहीं, बल्कि निःस्वार्थ योगदान देने के लिए आगे आए-यह दर्शाता है कि यात्रा किस प्रकार लोगों को स्वास्थ्य (Swasthya), सेवा (Sewa) और संस्कार (Sanskaar) के तीन मूल स्तंभों पर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रही है।
पश्चिम बंगाल आरसीएम की विकास यात्रा में एक विशेष स्थान रखता है। राज्य ने हमेशा आरसीएम की पहलों के प्रति मजबूत जुड़ाव दिखाया है, जो यहां के लोगों के विश्वास और सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
16 सितंबर 2025 को रूपांतरण यात्रा की शुरुआत के बाद से अब तक 20,000 से अधिक लोग आरसीएम परिवार से जुड़ चुके हैं, जिससे कंपनी के दो मिलियन से अधिक सक्रिय एसोसिएट बायर्स के नेटवर्क को और मजबूती मिली है। जैसे-जैसे यात्रा अन्य शहरों की ओर अग्रसर है, यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। कंपनी के नेटवर्क का यह विस्तार न केवल सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों पर लोगों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है, बल्कि महिलाओं, युवाओं और नवोद्यमियों को स्थायी स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में आरसीएम के प्रयासों को भी प्रतिबिंबित करता है।
विशेष रक्तदान शिविर में लोगों की भारी भागीदारी रही, जिससे अब तक यात्रा के दौरान 2,000 से अधिक दाताओं का आंकड़ा पार हो चुका है।
कार्यक्रम में नागरिकों को स्वस्थ और जिम्मेदार जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने वाली जन-जागरूकता गतिविधियों का भी आयोजन किया गया।
दुर्गापुर के लोगों ने इस यात्रा का भव्य स्वागत किया और हजारों लोग इस आयोजन में शामिल हुए।
इस यात्रा का प्रभाव प्रतिभागियों की साझा कहानियों में झलकता है। एक प्रतिभागी ने, जिन्होंने दो दशकों के बाद रक्तदान किया, इसे अत्यंत संतोषजनक अनुभव बताया। एक अन्य प्रतिभागी ने बताया कि चावल की भूसी के तेल (Rice Bran Oil) के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानकारी उनके लिए एक नई सीख थी।
दुर्गापुरवासियों ने यात्रा का शानदार स्वागत किया, और सैंकड़ों इस भव्य समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत RCM प्राणगीत के साथ हुई, जिसमें RCM के उद्देश्यों और सिद्धांतों को प्रस्तुत किया गया, इसके बाद शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक योग सत्र आयोजित किया गया। स्वास्थ्य क्रांति के साथ-साथ RCM द्वारा उठाए गए विभिन्न स्वास्थ्य संबंधित पहलों का परिचय दिया गया। आगंतुकों ने सेवा गतिविधियों में भाग लिया और एक डॉक्युमेंट्री के माध्यम से RCM की प्रभावशाली यात्रा को दिखाया गया। सभी ने आदर्श नागरिक शपथ ली, जिसमें उन्होंने सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का समापन एक प्रभावी जागरूकता रैली के साथ हुआ, जिसने दुर्गापुर में सेवा, स्वास्थ्य और संस्कार का संदेश फैलाया।
हाल ही में लॉन्च हुई पुस्तक “मनसा वाचा कर्मणा – एक कर्मयोगी की जीवनी”, जो आरसीएम के संस्थापक तिलोकचंद छाबड़ा के जीवन पर आधारित है, कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण रही। यह पुस्तक उनके कर्मयोगी जीवन, मूल्यों और उनके विचारों एवं कार्यों से लाखों लोगों के जीवन में आए परिवर्तन को उजागर करती है।
आरसीएम कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक सौरभ छाबड़ा ने कहा, “दुर्गापुर से मिला जबरदस्त प्रतिसाद हमारे जन-आधारित आंदोलन की शक्ति और भावना को दर्शाता है। हम हर घर को बेहतर स्वास्थ्य, मजबूत मूल्यों और नए आर्थिक अवसरों से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हम एक स्वस्थ और विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ सकें।”
प्रबंध निदेशक प्रियंका अग्रवाल ने कहा, “दुर्गापुर में रूपांतरण यात्रा का आयोजन हमारी 17,000 किलोमीटर लंबी परिवर्तन यात्रा का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हम हर महिला को गरिमा, शक्ति और आत्मविश्वास के साथ जीवन जीने का अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि वे पुरुषों के साथ मिलकर नए भारत के निर्माण में समान रूप से योगदान दे सकें।”
मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज कुमार ने कहा, “मुझे गर्व है कि रूपांतरण यात्रा ने दुर्गापुर में जो उत्साह और प्रेरणा जगाई है, वह पूरे भारत में लाखों लोगों को सशक्त बनाती रहेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी और समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी।”
जैसे-जैसे रूपांतरण यात्रा अपने अगले पड़ाव की ओर बढ़ रही है, दुर्गापुर और पश्चिम बंगाल में इसकी छोड़ी गई ऊर्जा और प्रेरणा नए विकास और सामुदायिक कल्याण को आगे बढ़ाती रहेगी। आरसीएम इस सकारात्मक गति को बनाए रखते हुए दुर्गापुर में अपनी जन-केंद्रित पहलों को जारी रखेगा।
आरसीएम कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्रा. लि. के बारे में: साल 2000 में एक टेक्सटाइल उत्पाद से शुरुआत करने वाला आरसीएम आज ₹2,400 करोड़ का उद्यम बन चुका है। वर्तमान में कंपनी 400 से अधिक उत्पादों की पेशकश करती है और इसके दो मिलियन से अधिक सक्रिय एसोसिएट बायर्स का नेटवर्क है। कंपनी का वितरण नेटवर्क 10,000 से अधिक रिटेल स्टोर्स और 170 डिपो तक फैला हुआ है।
आरसीएम के तीन अत्याधुनिक निर्माण संयंत्र भीलवाड़ा, गुवाहाटी और रुड़की में स्थित हैं। इन संयंत्रों के साथ एक समर्पित अनुसंधान एवं विकास (R&D) विंग कार्यरत है, जो सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक उत्पाद स्वास्थ्य और सुरक्षा के उच्चतम मानकों पर खरा उतरे।

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