पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ, कल अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे श्रद्धालु

कोलकाता, 26 अक्टूबर । लोक आस्था और सूर्योपासना का अनुपम पर्व छठ पूजा रविवार को पश्चिम बंगाल में श्रद्धा और भक्ति के साथ शुरू हो गया। छठ पर्व के पहले दिन रविवार काे व्रतियों ने नहाए-खाए की रस्म निभाते हुए रसिआव (खीर)-रोटी का सेवन किया। आज से छठ व्रती 36 घंटे के निर्जला उपवास में रहेंगी, जो मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूरा होगा। इसके साथ ही घाटों और इलाकों में इस पर्व के अवसर पर सजाया गया है।
राज्य भर में कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में गंगा घाटों, तालाबों तथा जलाशयों को सजाया-संवारा जा रहा है। सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के घाट पर एकत्रित होने की संभावना है।
नगर निगम और प्रशासन की ओर से घाटों की सफाई, लाइटिंग, बैरिकेडिंग और माइकिंग की व्यापक व्यवस्था की गई है। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर निगरानी बढ़ा दी है, वहीं कोलकाता पुलिस की रिवर पेट्रोलिंग टीम गंगा नदी में लगातार गश्त कर रही है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
कोलकाता समेत हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर तथा उत्तर बंगाल में बड़ी संख्या में रहने वाले हिंदी भाषी लोग छठ पूजा करते हैं। इस दौरान सुरक्षा के लिए अतिरिक्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

सोमवार की शाम व्रती महिलाएं रंग-बिरंगी साड़ियों में सुसज्जित होकर शूप में फल, नारियल, सेव, केला और नाशपाती समेत पांच प्रकार के फल सजाकर नदी व तालाबों में उतरेंगी और डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी। इसके अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा का समापन होगा।

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