जीएसटी के नाम पर राज्य से 20 हजार करोड़ रुपये ले गया केंद्र, उद्योग सम्मेलन में ममता बनर्जी का बड़ा हमला

कोलकाता, 18 दिसंबर । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। कोलकाता के धनधान्य प्रेक्षागृह में आयोजित एक दिवसीय उद्योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जीएसटी के नाम पर केंद्र सरकार राज्य से करीब 20 हजार करोड़ रुपये लेकर चली गई है। मंच से ही उन्होंने राज्य के पूर्व वित्त मंत्री और वर्तमान मुख्य सलाहकार अमित मित्र के पुराने फैसले पर भी सवाल खड़े किए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों के पास अपना कोई स्वतंत्र कर नहीं बचा है। देश में अब केवल एक ही कर व्यवस्था है, जीएसटी। जब जीएसटी की शुरुआत हुई थी, तब कहा गया था कि इससे राज्यों को फायदा होगा। ममता ने मंच पर मौजूद अमित मित्र की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्होंने ही उस समय एक समान कर व्यवस्था को राज्य के हित में बताया था। अब उन्हें यह बताना चाहिए कि जीएसटी के बावजूद राज्य के हिस्से के पैसे क्यों काटे जा रहे हैं और क्यों अब तक 20 हजार करोड़ रुपये राज्य को नहीं मिले।

मुख्यमंत्री के सवाल पर अमित मित्र ने जवाब देते हुए कहा कि संसद में केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है कि जीएसटी व्यवस्था में करीब दो लाख करोड़ रुपये की गड़बड़ी हुई है। इस पर ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि नुकसान दो लाख करोड़ तक सीमित है या इससे भी ज्यादा, यह कोई नहीं जानता। उन्होंने सवाल किया कि आखिर जीएसटी से राज्य को लाभ हो रहा है या नुकसान।

ममता बनर्जी ने याद दिलाया कि कुछ समय पहले उन्होंने खुद यह स्वीकार किया था कि जीएसटी को समर्थन देना उनकी राजनीतिक भूल थी। उस समय सहयोगी संघीय ढांचे पर भरोसा रखते हुए तृणमूल कांग्रेस सरकार ने जीएसटी को मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में यह साफ हो गया कि इससे राज्यों को लगातार आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने जीएसटी की संरचना का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य के भीतर लेनदेन पर मिलने वाला एसजीएसटी और अंतरराज्यीय कारोबार से मिलने वाला आईजीएसटी पहले केंद्र के पास चला जाता है। बाद में राज्यों को उनका हिस्सा लौटाया जाना होता है, लेकिन केंद्र सरकार लगातार राज्य के पैसे रोक रही है।
ममता ने आरोप लगाया कि जीएसटी के जरिए राज्यों से पैसा वसूल किया जा रहा है, जबकि उनके हक का हिस्सा समय पर नहीं दिया जा रहा।

उद्योग सम्मेलन के मंच से मुख्यमंत्री ने एक बार फिर दोहराया कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण राज्य आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहा है और बंगाल के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है।

 

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