रानीगंज। रानीगंज बख्तारनगर स्थित खा परिवार के 500 वर्ष पुराने ऐतिहासिक श्री श्री देवी दुर्गामाता मंदिर में इस साल भी भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है यह आयोजन। इस बार पूजा का थीम रामेश्वरम पर आधारित है। पूजा मंडप का मुख्य द्वार 12 ज्योतिर्लिंगों की झलक से सुसज्जित है, वहीं मंडप के अंदर माँ दुर्गा के तर्ज महा विद्या का दिव्य रूप प्रदर्शित किया गया है। राजस्थान की पारंपरिक निर्माण पद्धति पर आधारित यह मंडप श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। माँ दुर्गा की प्रतिमा कोलकाता के कुमार टोली के कारीगरों ने तैयार की है, जबकि सजावट का जिम्मा मेदिनीपुर के कारीगरों ने संभाला। संपूर्ण डेकोरेशन का कार्य कजरा डेकोरेटर स्वरूप चटर्जी द्वारा किया गया है। पूजा की सफलता के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे जयदेव खा और इंद्रदेव खा ने बताया कि यह पूजा लगभग 500 वर्षों से लगातार होती आ रही है और इसकी परंपरा आज भी जीवित है। इस बार परंपरा के अनुसार यात्रा पाला का आयोजन होगा। खास बात यह है कि पहली बार पूजा में रामलीला मंचन और रावण दहन का भी आयोजन किया जा रहा है।इस अवसर पर रानीगंज बख्तारनगर, मदनपुर और आसपास के क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। साथ ही वाराणसी से आए प्रसिद्ध पंडित विशेष रूप से माँ दुर्गा की गंगा आरती करेंगे, जिससे वातावरण और भी आध्यात्मिक और भव्य होगा। रानीगंज बख्तारनगर दुर्गा पूजा हर वर्ष की तरह इस बार भी न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनेगा, बल्कि सांस्कृतिक और परंपरागत कार्यक्रमों से भी लोगों को एकजुट करेगा।