कोलकाता, 1 सितंबर । धर्मतला में तृणमूल कांग्रेस का ‘भाषा आंदोलन’ मंच सोमवार को सेना ने हटा दिया। सेना का तर्क है कि इस मंच को लगाने की अनुमति केवल 31 अगस्त तक थी। तय समय-सीमा बीत जाने के बाद ही कार्रवाई की गई।
राज्य में इन दिनों भाषाई अस्मिता का मुद्दा गहराया हुआ है। आरोप है कि दूसरे राज्यों में बंगला बोलने वालों को ‘बांग्लादेशी’ समझकर प्रताड़ित किया जा रहा है। इसी के विरोध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सड़कों पर उतरीं और कोलकाता, बोलपुर व झाड़ग्राम समेत कई जिलों में रैलियां कीं।
प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए राज्य सरकार ने ‘श्रमश्री’ योजना शुरू की है। इसी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए ममता बनर्जी के निर्देश पर तृणमूल नेता सप्ताह में दो दिन धर्मतला में गांधी मूर्ति के पास रिले धरना दे रहे थे और वहीं ‘भाषा आंदोलन’ मंच बनाया गया था।
सोमवार को अचानक सेना के जवान मंच हटाने पहुंचे और तिरपाल समेत पूरी संरचना हटा दी। सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर हिमांशु तिवारी ने बताया कि 31 अगस्त तक अनुमति थी। उसके बाद भी रक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जगह को घेर कर रखने का कोई मतलब नहीं है।