डीओ धारकों के रूचि नहीं दिखाने का कारण नहीं उठ सका रानीगंज, जामुड़िया, पांडवेश्वर एरिया में ऑफर का पूरा कोयला
सिंडिकेट ने गड़ा दी ईसीएल के उत्पादित कोयले पर नजर, कोयला उठाने पर 1650 रुपये देनी होगी प्रतिटन रंगदारी
आसनसोल । आसनसोल शिल्पांचल के विभिन्न ईसीएल क्षेत्र के कोलियरियों मे कोयले के ई-आक्शन पर सिंडिकेट की रंगदारी फिर से हावी हो गई है। इस कारण ईसीएल में डीओ धारकों ने कोयला लेने में रुचि नहीं दिखाई. जिस कारण रानीगंज, जामुड़िया, पांडवेश्वर क्षेत्र स्थित ईसीएल के विभिन्न एरिया में ऑफर का पूरा कोयला भी इस बार नहीं उठा. पांडवेश्वर एरिया के मदारबनी कोलियरी में 1500 टन का ऑफर था, लेकिन यहां पर किसी ने आवेदन नहीं किया. सोनपुर बाजारी एरिया में 40 हजार टन ऑफर में 10 हजार टन कोयला बच गया. वहीं बंकोला एरिया के शंकरपुर इंक्लाइन में सात हजार टन के ऑफर में आधे से भी अधिक कोयला बच गया. जबकि शंकरपुर में पिछले माह पूरा सात हजार टन कोयला उठ गया था. जबकि सोदपुर एरिया जहां पर सिंडिकेट नहीं है, वहां की पारबेलिया कोलियरी में 1000 टन के ऑफर में पूरा आक्शन हो गया. ऑक्शन कम होने का कारण है कि इस बार सिंडिकेट की ओर से आक्शन से कोयला लेने वालों को संदेश दे दिया गया था कि कोयला उठाने पर 1650 रुपये प्रतिटन रंगदारी देना होगा, जिस कारण कुछ डीओ धारक पीछे हट गए. पश्चिम बर्धमान जिले में अवैध कोयला मामले सीबीआई की ओर से कई कोयला माफियाओं मामला दर्ज किया है. यह मामला अभी अदालत में पर में चल रहा है. भले ही सीबीआइ मामले के बाद कोयले के अवैध खनन पर कुछ हद तक लगाम लगी है. लेकिन कोयला माफियाओं के सिंडिकेट ने अब ईसीएल के उत्पादित कोयले पर ही नजर गड़ा दी है. रानीगंज, जामुड़िया, पांडवेश्वर क्षेत्र में ईसीएल के उत्पादित कोयले की चोरी के साथ ही कोयला माफियाओं का सिंडिकेट रंगदारी भी वसूल कर रहा है. पांडवेश्वर क्षेत्र में पिछले माह रंगदारी न देने पर एक डीओ धारक की पिटाई कर दी गई थी, इसे लेकर थाना में मामला भी दर्ज किया गया था. ईसीएल के कोयले का ई-आक्शन किया जाता है, जिसमें प्रत्येक एरिया की ओर से आक्शन किया जाता है. इस कोयले को डिस्पैच आर्डर के माध्यम से कोयला कारोबारी उठाते है. रोड सेल और रैक का अलग अलग ई-आक्शन होता है. रोड सेल में कोलियरी या साइडिंग से डीओ धारक ट्रक के माध्यम से अपना निर्धारित कोयला निर्धारित समय पर उठाते है. निर्धारित समय पर कोयला न उठाने पर बाद में वह कोयला नहीं उठा सकते है. कोयला माफियाओं के बने सिंडिकेट के गुर्गे सभी कोलियरी में रहते है. आक्शन का कोयला निकलने पर यह प्रत्येक ट्रक में जाने वाले कोयले का प्रतिटन के हिसाब से रंगदारी लेते है. रंगदारी न देने पर ट्रक पर लदे कोयले को कोलियरी या साइडिंग से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है. आक्शन का कोयला लेने वाले व्यापारियों के समक्ष मजबूरी होती है कि उनको समय पर कोयला का उठाव करना होता है, ऐसा न करने पर उनको नुकसान होता है. जिस कारण मजबूरी में व्यापारी रंगदारी देते है. सिंडिकेट को सत्ताधारी दल के नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त होता है, जिस कारण व्यापारी शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा कुल पाते है. ईसीएल के सोनपुर बाजारी एरिया के सेल्स मैनेजर सुशांत कुमार ठाकुर ने कहा क इस माह 40 हजार टन कोयला रोड सेल तथा 50 रैक रेलवे के माध्यम से बेचने का टेंडर कर ई-आक्शन किया गया है. जिसमें रोड सेल में 30 हजार टन का ही आक्शन हुआ है. मंगलवार शाम पांच बजे ई-आक्शन की प्रक्रिया संपन्न हुई है. कोयले का ई-आक्शन 5420 रुपया प्रति टन किया गया है. कोयला का उठाव ईसीएल सुरक्षा गार्डकी निगरानी में होता है, अतः रंगदारी का कोई सवाल ही नहीं है.