जगन्नाथ मंदिर, पुरी भारत के तीर्थ क्षेत्र एवम् धामों में से एक है ।- स्वामी विशोकानंद भारती

कोलकाता । निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज, राजगुरु बीकानेर का सत्संग भवन में लायन मोहनलाल अग्रवाल, महेश आचार्य, गोकर्ण शोरेवाल, पण्डित दाऊ लाल ओझा, कथाकार धर्मेशानंद महाराज, मंगल भारती, सज्जन वर्मा, राजू शर्मा,अभय पाण्डेय एवम् श्रद्धालु भक्तों ने स्वागत किया । स्वामी विशोकानंद भारती महाराज ने कहा जगन्नाथ मंदिर, पुरी भारत के तीर्थ क्षेत्र एवम् धामों में से एक है । भगवान जगन्नाथ की कृपा ध्वजा के माध्यम से आकाश में विचरण करती है । जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की त्रिमूर्ति स्थापित है । जगन्नाथ पुरी का अस्तित्व महाभारत काल, भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के समय से रहा है । संसार (जगत) का पालन भगवान के हाथ में है । महाभारत में अर्जुन के रथ के सारथी स्वयं भगवान श्रीकृष्ण थे । महाभारत के युद्ध में धर्म (पाण्डव) की जीत हुई । उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, गुजरात एवं भारत के राज्यों में रथयात्रा का विशाल आयोजन होता है । जगन्नाथ मंदिर में भगवान विष्णु के दूसरे अवतार श्रीकृष्ण तथा उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ पूजा की जाती है । आद्य शंकराचार्य ने पुरी में श्री गोवर्धन मठ (पीठ) को प्रतिष्ठित किया था । सत्संग भवन में 27 जून तक गुरु गीता पर प्रवचन हो रहा है । सत्संग भवन के ट्रस्टी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, दीपक मिश्रा ने भक्तों से रथयात्रा में शामिल होकर अक्षय पुण्य अर्जित करने का निवेदन किया ।

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