बदलते परिवेश में परिवार एवं व्यवसाय में सफलता के सूत्र विषय पर  संगोष्ठी का आयोजन

 

 कोलकाता : अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से आज स्थानीय जी डी बिरला सभागार में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया की अध्यक्षता में एक संगोष्ठी आयोजित की गई । इसका विषय था बदलते परिवेश में परिवार एवं व्यवसाय में सफलता के सूत्र। संगोष्ठी को संबोधित किया अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मोटिवेशनल वक्ता डॉक्टर उज्जवल पाटनी ने।। कार्यक्रम के प्रथम में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह धारणा गलत मारवाड़ी गलत है कि समाज में व्यवसाय ही करते हैं। मारवाड़ी समाज के में लोग सिर्फ व्यवसाय ही किया है। 1857 में एवं उसके बाद के सभी स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने बढ़कर हिस्सा लिया एवं बहुत से लोगों ने फांसी का फंदा भी चुमा। आज मारवाड़ी समाज के लोग सभी क्षेत्रों में सफलता का परचम लहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मारवाड़ी की अपनी विशिष्ट पहचान है। देश के विभिन्न भागों में जाने से आपको मारवाड़ी भोजनालय, मारवाड़ी बासा, मारवाड़ी पुस्तकालय, मारवाड़ी विद्यालय आदि के बोर्ड लगे दिख जाते हैं, जो कि यह बताता है कि इस ब्रांड पर पूरे देश को कितना भरोसा है। देश के राजनेता, समाजशास्त्री एवं अन्य तबके के लोगो से बात करने पर आपको पता चल जाता है कि सभी राष्ट्र निर्माण में मारवाड़ी समाज की अवदानो के प्रति कृतज्ञ हैं।समाज के लिए यह एक अमूल्य भावना है जिसे हमारे पूर्वजों ने हमारे संस्कार और संस्कृति का पालन कर स्थापित किया है। आज की युवा पीढ़ी को इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम उन पूर्वजों की संतान है और हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित किए हुए मूल्य एवं उस ब्रांड को और आगे बढ़ाएं।। मारवाड़ी हमेशा सकारात्मक भाव रखते हैं एवं राष्ट्र निर्माण में अपना सदैव भूमिका निभाते आए हैं।


समारोह के प्रधान अतिथि सुप्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी  सज्जन पटवारी ने अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सम्मेलन विगत 90 वर्षों से समाज को जोड़ने का काम सफलता के साथ कर रही है। सम्मेलन के सभी पदाधिकारी कार्यकर्ताओं एवं सदस्यों को बधाई देता हूं और आशा व्यक्त करता हूं कि सम्मेलन इसी प्रकार समाज को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाता रहेगा। आज मारवाड़ी समाज अपने संस्कारों के कारण ही जाना जाता है और उसे बचाने के लिए हमें हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने सम्मेलन के इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी को आगे आने का अनुरोध किया।

मुख्य वक्ता डॉ उज्जवल पत्नी ने अपने लंबे वक्तव्य को प्रारंभ करते हुए कहा कि हमारे सफलता के चार मुख्य अंग हैं – हमारा परिवार, हमारे संस्कार,हमारा व्यवहार एवं हमारा सामाजिक सरोकार। उनके अनुसार व्यवसाय हो या व्यक्तिगत जीवन दोनों में पारिवारिक संबंधों की मधुरता अत्यधिक महत्वपूर्ण है। अपने जीवन के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं एवं स्वयं को सदैव उन्नत करने का प्रयास हमे करते रहना चाहिए। उन्होंने इस विषय में कई उदाहरण प्रस्तुत किये जिसे श्रोताओं ने सराहा। उन्होंने कहा कुछ भी सफलता पाने के लिए अपने भाषा के ऊपर अपना ध्यान रखें और हमे अपने दैनन्दिनी जीवन में प्रत्येक दिन का हिसाब रखना होगा एवं प्रत्येक दिन छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित करने होंगे जिसे उसी दिन के अंत तक हासिल करना होगा । बड़ी-बड़ी बातों से अधिक महत्वपूर्ण है कि हम छोटे-छोटे बदलाव प्रत्येक दिन अपने जीवन में लाते रहे। उन्होंने मारवाड़ी समाज में राष्ट्र में अवदान के विषय में बताते हुए कहा कि मारवाड़ी हमेशा अपनी मितव्ययिति के कारण जाना जाता है और हमेशा अपने संस्कारों के कारण जाना जाता है। मारवाड़ी हमेशा अपने दानवीरता एवं समाज सेवा के कारण जाना जाता है। उसे हमें कायम रखना है और अपने जीवन को सफल बनाने के लिए जो आधारभूत परिवार की जो हमारी भावना है उसको हमें आगे बढ़ाना है। व्यवसाय हो या निजी जीवन हो,हमें कुछ भी हासिल करने के लिए सबसे पहले अपना एक दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करना होगा एवं उसे लक्ष्य को पाने के लिए जो भी आवश्यकता है उसके अनुसार हमें आगे बढ़ना होगा तभी हम अपने जीवन में सफलता पा सकते हैं।उन्होंने अपने दीर्घकालीन वक्तव्य में निजी जीवन एवं व्यवसाय के अनेक पहलुओं को छुआ एवं उनका विशद विवेचन किया। खचाखच भरे हुए प्रेक्षागार में श्रोताओं ने अंत तक उन्हें सुना एवं बार-बार करतल ध्वनि से उनका अनुमोदन किया।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश जैन में धन्यवाद ज्ञापन किया एवं राष्ट्रीय महामंत्री से कैलाशपति तोदी ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नंदलाल रूंगटा, पद्मश्री प्रहलाद राय अग्रवाल संतोष सराफ, राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री संजय गोयनका,पवन जालान,राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता,आत्माराम सोंथालिया, नन्द किशोर अग्रवाल, एन जी खेतान, पवन गोयनका, विश्वनाथ भुवालका, शिवकुमार फोगला, राजेंद्र खंडेलवाल, गिरधारीलाल गोयनका, अरुण गाड़ोदिया, सज्जन बेरीवाल, अमित मुंदडा, पवन बंसल, जुगल किशोर जाजोदिया एवं अन्य गण्मान्य व्यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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