रानीगंज। रानीगंज के रोटीबाटी इलाके में अपनी कठोर मेहनत से गरीब एवं आदिवासी समाज के लोगों द्वारा निर्मित निर्माणाधीन घरों को शुक्रवार को ईसीएल द्वारा ध्वंस्त कर दिया गया। रोटीबाटी कोलियरी में पर्सनल मैनेजर के नेतृत्व में आदिवासियों का अर्द्ध निर्मित घरों पर ईसीएल ने बुलडोजर चलाया। आदिवासी समाज के लोगों ने कहा कि हम लोग वर्षों से जैसे-तैसे यहां रह रहे हैं इस जगह में बहुत मेहनत से एक-एक रुपया संग्रह कर हम लोगों ने यहाँ घर का निर्माण आरंभ किया। मैनेजमेंट द्वारा हम लोगों से एक मोटा रकम की डिमांड किया था जो हम लोग पूरा करने में असमर्थ रहे थे।जिसके बाद बिना कोई नोटिस ,बिना कोई ऑर्डर हमारे घरों को ध्वंस्त कर दिया l
सूचना पाकर घटना स्थल पर पहुंचकर मैनेजमेंट के समक्ष सिंटू भुईयां के नेतृत्व में धारण किया गया। सिंटू कुमार भुईयां ने कहा कि बिना किसी प्रामाणिक दस्तावेज और बिना किसी लिखित आदेश या सूचना के वाजूद कमजोर आदिवासी लोगों के घरों को ईसीएल मैनेजमेंट द्वारा निर्माणाधीन घरों को तोड़ दिया गया। यह बहुत ही निंदनीय एवं जनविरोधी कार्य है। यहां उत्तर प्रदेश के भांति वर्षों से रह रहे गरीब पिछड़े लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मानसिकता का हमलोग पुरजोर प्रतिवाद करेंगे। घटना स्थल पर उपस्थित पर्सनल मैनेजर (पीएम) साहब से हमने घर तोड़ने के लिखित आदेश को मांगा तो उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई लिखित आदेश नहीं है। गरीब लोग कितने वर्षों से रह रहे, इस जमीन का प्लॉट नं, दाग नं क्या है यह भी पूछे जाने पर पता नहीं का जबाव मिला। उन्होंने मौखिक रूप कैमरा के सामने कहा कि मेरे पास ना ही कोई स्टेट कोर्ट का ऑर्डर है ना ही हमारे उच्च अधिकारी का लिखित आदेश है। मैं इस तरह कि कार्यवाही बिना कागज़ात का कभी नहीं अब करूंगा। मैनेजमेंट को हमने कहा कि इस कोलियरियों का गरीब, दलित, मजदूर आदि निर्माता हैं। अपने कठोर परिश्रम एवं प्राणों की आहूति देकर इस कोलियरी की नींव रखी गई। कोलियरी आगामी काल ऐसे अवैध कार्यवाही के विरुद्ध में एवं इन गरीबों की क्षतिपुर्ण की लडाई मजबूती से की जाएगी। घंटों धरना एवं प्रदर्शन के बाद अंततः मैनेजमेंट ने माना अपनी गलती कि बिना किसी लिखित आर्डर के हमलोगों ने निर्माणाधीन घरों को ध्वंस्त किया। ऐसे जनविरोधी कार्यों का प्रतिवाद एवं पीड़ित परिवार के लिए मुआवजा को लेकर आंदोलन जारी रहेगा।