राष्ट्रीय के संगम द्वारा रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई
कोलकाता 10 मई। पहलगाँव में हुए जघन्य हत्याकांड के जवाब में भारत की ओर से ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता एवं गौरवपूर्ण कार्यवाही के सम्मान में तथा गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल प्रांत की मध्य कोलकाता इकाई द्वारा 9 मई 2025 को रात्रि 8:00 बजे से एक आभासी काव्यांजलि का आयोजन प्रांतीय अध्यक्ष डॉ गिरिधर राय की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवयित्री मल्लिका रूद्रा (छत्तीसगढ़) और विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रांतीय सह-महामंत्री बलवंत सिंह ‘गौतम’ की उपस्थिति रही | कार्यक्रम का संयोजन जिला अध्यक्ष रामा कांत सिन्हा ‘सुजीत’ एवं जिला महामंत्री स्वागता बसु ने तथा कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री मौसमी प्रसाद ने किया।
कार्यक्रम का आगाज करते हुए कार्यक्रम केअध्यक्ष डॉ गिरिधर राय ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कहा कि – “जब तक आतंकीस्तान रहेगा, तब तक जारी ऑपरेशन सिंदूर रहेगा।” साथ ही नोबेल पुरस्कार विजेता विश्व कवि रविंद्र नाथ टैगोर की 164 में जयंती पर उन्हें याद करते हुए डॉक्टर राय ने कहा- “रवींद्र नाथ टैगोर सदिर्यों में पैदा होते हैं।” अध्यक्ष की अनुमति लेकर जिला महामंत्री स्वागता बसु ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम को प्रारम्भ किया।| जिला संगठन मंत्री विकास ठाकुर ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में एरिना बसु, देवेश मिश्र, उषा जैन, हिमाद्रि मिश्रा, प्रणति ठाकुर, कंचन राय, शिप्रा मिश्रा तथा भारती मिश्रा ने काव्यांजलि प्रदान की| सभी ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। एक ओर हिमाद्री मिश्रा, स्वागता बसु तथा भारती मिश्रा के रवींद्र संगीत की प्रस्तुत ने सभी को भाव विभोर कर दिया वहीं दूसरी ओर मौसमी प्रसाद ने गुरुदेव की कविता का हिन्दी अनुवाद का पाठ किया। देशभक्ति से ओतप्रोत गीत, ग़ज़लों की ओजपूर्ण प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और भी सफल बनाया | मुख्य अतिथि मल्लिका रूद्रा ने गुरुदेव की रचनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि गुरुदेव की रचनाएँ आज भी प्रासंगिक है। बलवंत सिंह “गौतम” ने जिले के कार्यकर्ताओं को सफल आयोजन की बधाई दी तथा कहा कि देश के प्रति अपने कर्तव्य को हमें याद रखना चाहिए। इस कार्यक्रम में श्रोता के रूप में राम मोहन गुप्ता, शिविर ढंढ़निया, पूर्णिमा पाठक, राधा रानी आदि की उपस्थिति रही। अंत में रामाकांत सिन्हा “सुजीत” ने धन्यवाद ज्ञापन किया| राम धुन के गायन के साथ ही इस भव्य कार्यकम का समापन हुआ।