महिला नेता से ‘अश्लील चैट’ वायरल, सीपीएम के पूर्व सांसद बंसगोपाल चौधरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप

कोलकाता, 22 मार्च  । पश्चिम बंगाल में सीपीएम नेताओं पर महिला संबंधी विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पूर्व मंत्री सुषांत घोष और पूर्व विधायक तन्मय भट्टाचार्य के बाद अब पश्चिम बर्धमान जिले के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद बंसगोपाल चौधरी पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगा है। पार्टी की एक महिला नेता से कथित तौर पर ‘अश्लील चैट’ के स्क्रीनशॉट सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बंसगोपाल चौधरी को घेरा जा रहा है।

आरोप लगाने वाली महिला नेता मुर्शिदाबाद जिले की हैं और जियागंज-आजिमगंज नगरपालिका की पूर्व पार्षद रह चुकी हैं। उन्होंने फेसबुक और व्हाट्सएप पर प्राप्त कथित आपत्तिजनक संदेशों के स्क्रीनशॉट साझा करते हुए बंसगोपाल पर आरोप लगाए। इसके बाद यह मामला सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया।

महिला नेता का कहना है कि बंसगोपाल अक्सर उनके सोशल मीडिया पोस्ट पर टिप्पणी करते थे और उन्हें उत्साहित करते थे। शुरुआत में उन्होंने इसे पार्टी सीनियर का समर्थन समझा, लेकिन नवंबर 2023 में बंसगोपाल ने रात में अश्लील संदेश भेजने शुरू कर दिए। उन्होंने इसकी शिकायत जिले के सीपीएम सचिव से भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

फरवरी में आयोजित राज्य सम्मेलन के दौरान जब बंसगोपाल की तस्वीरें राज्य सचिव मोहम्मद सलीम समेत अन्य नेताओं के साथ वायरल हुईं, तो महिला नेता ने अपना आक्रोश जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए आरोप सार्वजनिक कर दिए। उन्होंने लिखा, “ऐसा चरित्रहीन और लंपट व्यक्ति पार्टी के राज्य सम्मेलन का प्रतिनिधि कैसे हो सकता है?”

महिला नेता ने यह भी आरोप लगाया कि उनके द्वारा पार्टी को सौंपे गए दस्तावेज लीक हो रहे हैं, जिससे उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता हो रही है। उन्होंने कहा, “मैं डरी हुई हूं। मुझे पार्टी से कोई सुरक्षा नहीं मिल रही।”

उधर, बंसगोपाल चौधरी ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया। उनका कहना है कि पार्टी के अंदर और बाहर से कुछ लोग मिलकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस पूरे मामले को लेकर सीपीएम राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने बयान दिया है कि मामला पार्टी की आंतरिक जांच समिति को सौंपा गया है और रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

पार्टी की कई महिला कार्यकर्ताओं ने भी सोशल मीडिया पर बंसगोपाल के खिलाफ खुलकर नाराजगी जाहिर की है। उनका सवाल है कि जब सबूत सामने हैं, तो पार्टी चुप क्यों है और अब तक आरोपित के खिलाफ कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाया गया?

इसके पहले पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता पर महिला पत्रकार के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। उस मामले में भी पार्टी की आंतरिक जांच समिति ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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