कोलकाता । पश्चिम बंगाल के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय की हिंसा में किसी की भी जान नहीं जाने और किसी को भी गंभीर चोट नहीं आने का दावा किए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने हमला बोला है। वरिष्ठ भाजपा विधायक ने कहा है कि जावेद शमीम के नाम को देखिए समझदार के लिए इशारा काफी है। वह एक अधिकारी के बजाय एक खास समुदाय के प्रवक्ता के तौर पर बात कर रहे हैं।
पहले ही विवादों में रहे जावेद शमीम ने सोमवार को राज्य सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राज्य भर में हिंसा करने वालों के खिलाफ 42 प्राथमिकी दर्ज हुई है और 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि घटना में किसी की मौत नहीं हुई है और ना ही कोई गंभीर रूप से घायल है। उनके इसी बयान को लेकर निंदा हो रही है। विधानसभा के बाहर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनका नाम जावेद शमीम है। समझदार को इशारा ही काफी होता है। उनका बयान किसी पुलिस अफसर का नहीं बल्कि एक राजनेता की तरह है। यह पूरी तरह से राजनीतिक बयान है। एक जिम्मेवार पुलिस अधिकारी से हिंसा के बाद ऐसे बयान की अपेक्षा बिल्कुल नहीं की जा सकती।
जावेद शमीम इससे पहले भी विवादों में आ चुके हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन ने तत्कालीन एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम को हटा दिया था। शमीम की जगह डीजी फायर सेवा जगन मोहन को नया एडीजी बनाया गया था। जबकि जावेद शमीम को उनकी जगह डीजी फायर सेवा बनाया गया था। उन पर आरोप लगा था कि वो तृणमूल के पक्ष में एक कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा नेताओं की कथित टिप्पणी को लेकर पश्चिम बंगाल के हावड़ा, नदियां और मुर्शिदाबाद में जमकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतरकर आगजनी, तोड़फोड़, हिंसा और पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ है। थाने में घुसकर भी तोड़फोड़ और आगजनी हुई है जिसे लेकर राज्य प्रशासन कटघरे में खड़ा है। शनिवार देर शाम मुर्शिदाबाद में भी झड़प की घटनाएं सामने आई थी। हावड़ा में हिंसक प्रदर्शन को लेकर अब तक 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सरकार ने एक्शन लेते हुए हावड़ा जिले में पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया।
नदिया जिले के बेथुआडाहारी रेलवे स्टेशन पर रविवार को प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और एक लोकल ट्रेन को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना के बाद उस रूट पर ट्रेन सेवाएं रोक दी गई हैं। रविवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-34 को जाम करने के दौरान पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया तो कुछ लोग बेथुआडहरी रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां खड़ी एक ट्रेन पर पथराव कर दिया। इस पूरे इलाके में अभी भी धारा 144 लगी हुई है और व्यवसायियों ने प्रदर्शन के विरोध में 72 घंटे का बंद सोमवार से शुरू किया है।