कोलकाता । हरियाणा नागरिक संघ का होली मधुर मिलन एवं कवि सम्मेलन समाजसेवी बाबूलाल धनानिया की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ । अतिथियों का स्वागत संस्था के चेयरमैन सुरेश गुप्ता, सचिव गोरधन निगानिया, शंकरलाल कारीवाल, द्वारिका प्रसाद अग्रवाला, विकास गोयल, कमलेश (विक्की) हेतमपुरिया, विजय खोरड़िया, नवीन कानोड़िया ने किया । जाने – माने कवि गजेन्द्र सोलंकी, कवयित्री भुवन मोहिनी, कवि शम्भू शेखर, प्रख्यात मिश्रा, सूरजमणि, सुदीप भोला ने हास्य तथा वीर रस, श्रृंगार रस की रचनाओं से श्रोताओं को भाव विभोर किया । कवि सम्मेलन में चीर हरण पर भीष्म पितामह, मौन तुम्हारा अखरता है तथा विरोधियों में मेल हो गया, मैडम का पप्पू फेल हो गया तथा मिलने को गले आती है हर साल में होली, मजा हो तब जब खेलें ससुराल में होली एवम् ओजस्वी रचनाओं को सुन कर श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया । भुवन मोहिनी ने होली खेलो रे सांवरिया, होली खेलो रे तथा नन्द गांव के तुम छोरे, में बरसाने की छोरी एवम् चांद को पाने की चाहत में खिड़की खोली रात भर सुना कर भाव विभोर किया । मंच संचालन करते हुए गजेन्द्र सोलंकी ने जमीन होती है अपनी और गगन अपना – अपना एवम् अपनी रचनाओं की प्रस्तुति से प्रभावित किया । सुरेश गुप्ता ने कवियों का स्वागत करते हुए कौन कहता है बूढ़े इश्क नहीं करते, इश्क तो करते हैं पर हम शक नहीं करते सुना कर आनंदित किया । समाजसेवी गोबिंद राम अग्रवाल, रामचन्द्र बड़ोपलिया, घनश्याम दास अग्रवाल, प्रदीप लुहारीवाला, विष्णु दास मित्तल, मोहनलाल गोयल, विजय निगानिया, दयानन्द रावलवासिया, मनोज लुहारीवाला, रामस्वरूप अग्रवाला, भागीरथमल गोयल, त्रिलोक अग्रवाल, घीसाराम गोयल, रामबाबू डालमिया एवम् हरियाणा समाज के सदस्यों ने परस्पर एक – दूसरे को होली की शुभकामना दी ।