सांकतोड़िया : सालतोड़ ग्राम पंचायत के नामो सालतोड़ स्थित विवेकानंद विद्या आश्रम प्रांगण में प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी रविवार को छात्र-छात्राओं का सांस्कृतिक प्रतियोगिता के साथ भक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया। मौके पर आसनसोल रामकृष्ण मिशन के प्रधान शिक्षक स्वामी भारुपा नंद जी महाराज, पुरुलिया कल्याण के सचिव स्वामी भास्करा नंद जी महाराज, पुरुलिया के विशिष्ट शिक्षाविद स्वप्न बंधोपाध्याय, दुर्गापुर के विशिष्ट शिक्षाविद जीवन बंधोपाध्याय, अविनाश महतो, कावेरी पुई टंडी, आहना सेन सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम का उद्घाटन मंगलदीप प्रज्वलित कर स्वामी रामकृष्ण परमहंस, माँ शारदा एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
स्वामी भारूपा नंद जी महाराज ने कर्म के साथ ईश्वर के स्वरूप के बारे में गहरा संबंध स्थापित करने को कहा। उन्होंने बताया कि ईश्वर के शरणागत होने की जरूरत बताया। कहा हम जहां भी रहें किसी काम पर जाने से पहले उन्हें साथ लेकर, काम पर जाने से पहले प्रणाम कर काम करने को कहा तब हमें सफलता अवश्य मिलेगी। अहंकार त्यागकर कर्म प्रवृत्त होने को कहा। उन्होंने कहा कि कर्म के बिना कोई नहीं रह सकता है। उन्होंने अपने अहंकार के विसर्जन को अत्यावश्यक बताया। भक्त द्वारा भगवान को लेकर हमेशा रहने को ही भक्ति कहते हैं।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि लोग उसके प्रति होने वाले किसी कर्म को भगवान को दोषी ठहराते हैं जो गलत है। कोई व्यक्ति अगर बढ़िया से उसके दूरगामी नतीजों को देखें तब पता चलता है कि उसके साथ पूर्व में घटी घटनाएं कितनी सही थी। इस दौरान प्रस्तुत नृत्य ने लोगों को भाव विभोर किया।