कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रूप में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां बनाने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दुर्गा के बाद अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भगवान गणेश के मां के तौर पर मूर्ति के रूप में बनाई गई हैं जिसे लेकर विवाद गहरा गया है। सोशल मीडिया के लोग इसे लेकर सवाल पूछ रहे हैं।
मालदा ममता बनर्जी की शक्ल में ‘देवी’ की मूर्ति बनायी गई और गणेश चतुर्थी के अवसर पर इसकी पूजा की गई। नीली-सफेद साड़ी पहने, गोल काले फ्रेम का चश्मा पहने मां दुर्गा की तरह ममता बनर्जी दोनों हाथों में समृद्धि के प्रतीक गणेश को पकड़े हुए दिखाया गया है और अन्य आठ हाथों में कन्याश्री, युवाश्री, सबुजसाथी जैसी आठ परियोजनाओं के प्रतीकात्मक चित्र बनाए गए हैं।
मालदा के हरिश्चंद्रपुर के जागरण संघ क्लब ने गणेश पूजा के अवसर पर यह मूर्ति बनाई है और इसे लेकर पूजा के आयोजक काफी उत्साहित दिखे हैं।
जागरण संघ क्लब के सचिव और मालदा जिले तृणमूल के महासचिव बुलबुल खान ने कहा, ”इस बार जागरण क्लब की गणेश पूजा में ‘दीदी’ की शक्ल में मां की मूर्ति बनाई है और उनकी गोद में सिद्धिदाता गणेश हैं।” उन्होंने बिना नाम लिए भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल में हाल ही में बुरी ताकतों का कब्जा रहा है। दीदी ने राज्य को अपने हाथों से बचाया है। 10 से अधिक वर्षों से, वह दस-सशस्त्र दुर्गा की तरह पश्चिम बंगाल की रक्षा कर रही हैं। एक के बाद एक जनकल्याणकारी परियोजनाओं के माध्यम से लोगों की मदद कर रही हैं। इसलिए हमने उन्हें सम्मानित करने के लिए देवी दुर्गा का रूप दिया है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। ”
इधर बंगाल भाजपा के मीडिया प्रभारी सप्तऋषि चौधुरी ने ट्वीट किया, “ममता रूपी दुर्गा की गोद में गणेश !! यह अनुप्रेरणा का बेशर्म प्रदर्शन है, हम कहां जा रहे हैं! मालदा में हरिश्चंद्रपुर जागरण संघ के मंडप में माननीय मुख्यमंत्री के रूप में दुर्गा मूर्ति की गोद में गणेश !! तृणमूल आपने क्या देखा है?”