जामुड़िया। जामुड़िया पंचायत समिति अंतर्गत केंदा ग्राम पंचायत के ईस्ट केंदा हरिजन पाड़ा स्थित शिशु विकास केंद्र (आईसीडीएस) संख्या 20 अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस बदहाल आईसीडीएस केंद्र की सुध लेने वाला कोई नहीं है, जिससे इससे जुड़े बच्चों की प्राथमिक शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है।
इस केंद्र में पांच वर्ष तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है और उन्हें मध्यान्ह भोजन भी कराया जाता है। इसके लिए केंद्र में एक शिक्षिका तथा एक भोजन बनाने वाली महिला सुबह 8 बजे से 11:30 बजे तक आईसीडीएस केंद्र में रहती हैं। केंद्र में विद्युत की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण पढ़ने आने वाले बच्चों की संख्या काफी कम होती जा रही है। इसके अलावा, केंद्र के आसपास पानी की भी सुविधा नहीं है, जिससे मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए महिला सहायिका को स्थानीय गोसाई मंदिर के पास स्थित पानी की टंकी से पानी लाना पड़ता है।
शिशु विकास केंद्र में गैस चूल्हा नहीं होने की वजह से कोयला के चूल्हे पर खाना बनाया जाता है, जिससे कोयले के धुएं से दीवारें काली हो गई हैं। इसकी वजह से भी केंद्र में बच्चों की उपस्थिति कम रहती है।
केंद्र के आसपास गंदगी तथा जंगली पौधे होने के कारण लोग अपने बच्चों को केंद्र में नहीं भेजना चाहते हैं। शिशु विकास केंद्र के पास शौचालय है, लेकिन उसकी स्थिति भी दयनीय बनी हुई है तथा वह उपयोग विहीन है। इस प्रकार की समस्याओं का अंबार शिशु विकास केंद्र में लगा हुआ है, जिसके चलते बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करेंगे।