कोलकाता::पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच के सिलसिले में हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) तो जांच शुरू कर चुकी है लेकिन विशेष जांच दल (एसआईटी) निष्क्रिय पड़ा हुआ है। इसे लेकर मंगलवार को हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है और स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह से लापरवाही होती रही तो कड़ा कदम उठाएंगे।
मंगलवार को मामले की सुनवाई में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने कहा, “हम जानते हैं कि सीट काम नहीं कर रही है। जरूरत पड़ी तो कड़ा कदम उठाए जाएंगे।”
विशेष जांच दल (एसआईटी) में कोलकाता के पुलिस आयुक्त सौमेन मित्रा, आईपीएस सुमनबाला साहू और रणबीर सिंह शामिल हैं। हाई कोर्ट ने अपने आदेश के साथ ही एसआईटी के पैनल का भी जिक्र किया था। याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव के बाद हुई हिंसा पर हाईकोर्ट के आदेश का ठीक से पालन नहीं हो रहा है।
कई वादियों का कहना है कि 19 अगस्त को हाईकोर्ट ने उन्हें छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सीट ने अभी तक काम करना शुरू नहीं किया है। तो वे अदालत को क्या रिपोर्ट करेंगे? सीट नजर नहीं आ रही है। वे कहां हैं?
सीबीआई ने पहले ही कूचबिहार से लेकर डायमंड हार्बर तक के विभिन्न जिलों में एक के बाद एक प्राथमिकी दर्ज कर रही है। सीबीआई अब तक 26 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। केंद्रीय एजेंसी ने सोमवार को शांतिनिकेतन थाना नानूर का भी दौरा किया। अब एसआईटी के अधिकारियों पर हाईकोर्ट ने जो टिप्पणी की है उससे राज्य सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। चुकी ये सारे अधिकारी राज्य सरकार के अधीनस्त हैं इसलिए माना जा रहा है कि शीर्ष स्तर पर हरी झंडी नहीं मिलने की वजह से ही जांच नहीं हो रही है।