राम – कृष्ण सनातन हिन्दू संस्कृति – स्वामी त्रिभुवनपुरी
कोलकाता । भागवताचार्य स्वामी त्रिभुवन पुरी महाराज ने महादेव मंदिर, काशीपुर में श्रीमद्भागवत कथा में श्रोताओं को भाव विभोर करते हुए कहा राम – कृष्ण सनातन हिन्दू संस्कृति है । सनातन हिन्दू धर्म के त्योहार, दशहरा, राम नवमी और दीपावली भगवान श्रीराम की कथा से जुड़े हैं। भारत में किसी व्यक्ति को नमस्कार करने के लिए राम – राम, जय सियाराम जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है । राम का अवतारी रूप वाल्मीकीय रामायण एवं पुराणों की देन है । उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है । गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीराम के जीवन पर केन्द्रित भक्तिभाव पूर्ण महाकाव्य रामचरितमानस की रचना की । स्वामी त्रिभुवन पुरी महाराज ने कहा श्रीकृष्ण जन्म उत्सव जन्माष्टमी के दिन मनाते हैं । भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव की कथा सुन कर श्रोता भाव विभोर होकर कथा का आनंद लेते रहे। श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही बधाइयां बजने लगी । नंद घर आनन्द भयो जय कन्हैया लाल की एवम बधाई गीत से वातावरण गुंजायमान हो गया । समाजसेवी दारोगा सिंह रघुवंशी, गिरजा सिंह, अजय सिंह, गायत्री सिंह, संजय सिंह, इन्दु सिंह, संदीप सिंह, मीरा सिंह, सिमी सिंह, अर्जुन सिंह एवम श्रद्धालु भक्तों ने भक्ति भाव से व्यास पीठ का पूजन किया ।