ईसीएल ने कोल इंडिया लिमिटेड/कोयला मंत्रालय की विविधीकरण पहलों में एक दूरदर्शी कदम आगे बढ़ाया

 झारखंड के जामताड़ा जिले के नाला में अजय नदी के उत्तरी तट पर स्थित कस्ता वेस्ट ब्लॉक में भूमिगत कोयला गैसीकरण की संभावना की स्थिति का पता लगाने के लिए पहला अन्वेषण बोरहोल शुरू हुआ, जो पांडवेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत आता है, ताकि भारतीय भू-खनन की स्थिति में प्रौद्योगिकी स्थापित की जा सके।

इस परियोजना का उद्घाटन ईसीएल के निदेशक (तकनीकी) संचालन और योजना व परियोजना श्री नीलाद्रि रॉय द्वारा किया गया। इस अवसर पर उप महाप्रबंधक (भूविज्ञान, नई पहल) श्री भास्कर भट्टाचार्य, ईसीएल और उनकी टीम और एर्गो एक्सर्जी टेक्नोलॉजी इंक, कनाडा (ईईटीआई) के प्रतिनिधियों की सक्रिय उपस्थिति रहीं।

यह देश का पहला अन्वेषण बोरहोल है जिसे यूसीजी पायलट परियोजना के लिए लक्षित किया गया है। कार्यान्वयन एजेंसियां ​​सीएमपीडीआई, राँची और ईसीएल, सांकतोड़िया हैं और उप-कार्यान्वयन या संचालन एजेंसी ईईटीआई, कनाडा है। यह पायलट परियोजना 2 साल की अवधि की है।
पायलट प्रोजेक्ट की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर, उन क्षेत्रों में वाणिज्यिक स्तर पर आगे विकास कार्य शुरू किया जाएगा, जहाँ कोयला भंडार का खनन आर्थिक रूप से संभव नहीं है। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफलतापूर्वक पूरा होने से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नई उम्मीद जगेगी।

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