रानीगंज। गंधर्व कला संगम की ओर से रानीगंज शिशु बागान कार्यालय में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 12 जून बृहस्पतिवार को इस वर्ष भी नारायण कुरी मथुरा चंडी के पावन स्थल पर रॉबिन नजरुल संध्या का आयोजन की जाएगी। इस बैठक को संबोधित करते हुए संस्था की ओर से सुशील गनेड़ी वाला ने बताया कि नारायण कुड़ी भारत का एक ऐतिहासिक स्थल है। कार टैगोर कंपनी के नाम से यहां पर प्रथम कोयल की खान खोली गई थी। यही वजह है कि उस धरातल को महत्व मिले। इसके लिए हम लोग पिछले 22 वर्षों से उसे स्थल पर काम कर रहे हैं। कला संगम के संस्थापक सरस्वती चटर्जी ने कहा की रवींद्रनाथ एवं कवि नज़रुल का संबंध रानीगंज के धरती से रहा है। यही वजह है कि हम लोग उनके द्वारा स्थापित की गई संस्कृति को बच्चों एवं इस अंचल के लोगों को विशेष रूप से जानकारी मिले । धरोहर के तौर पर नारायणकुरी को पूर्ण समर्थन मिले। इसी उद्देश्य से हम लोग वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं। इस वर्ष भी वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम करेंगे जिसमें समाज के पिछरे आदिवासी समाज के बच्चों को विशेष महत्व दी जाएगी।