रानीगंज डकैती के मामले में सीआईडी और फॉरेंसिक टीम की जांच

 

रानीगंज में स्वर्णालंकार की दुकान में हुई डकैती के दूसरे दिन, घटनास्थल पर जांच के लिए सीआईडी और फॉरेंसिक विभाग की टीम पहुंची। वर्तमान में, सीआईडी के चार सदस्यीय दल और फॉरेंसिक विभाग के तीन सदस्यीय दल रानीगंज की उस स्वर्णालंकार की दुकान पर मौजूद हैं, जहाँ डकैती हुई थी। वे सभी नमूने एकत्र कर मामले की गहन जांच कर रहे हैं।
डकैती की घटना में पहले ही कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिल चुके हैं, और अब उन सफलताओं को सार्वजनिक किया गया है। जांच में पाया गया कि डकैती के समय लूटे गए कुछ हीरे, जवाहरात जड़े सोने के गहने एक होंडा सिटी कार से बरामद हुए हैं। इसके साथ ही रानीगंज और आसनसोल इलाके से दो बाइकें भी बरामद की गई हैं।
पुलिस ने 42 राउंड ताजा कारतूस भी जब्त किए हैं, साथ ही दो कपड़े-लत्ते से भरे बैग भी बरामद किए गए हैं। इस घटना में रविवार शाम को गिरिडीह के सरिया जंगल से भागने के प्रयास में झारखंड के गिरिडीह जिले के गुपालगंज निवासी सूरज सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया। बाद में, बिहार के सिवान में कुख्यात अपराधी सोनू सिंह को भी पकड़ा गया।
जानकारी के अनुसार, ये दोनों अपराधी पहले भी विभिन्न इलाकों में अपराधों में लिप्त थे। उनके खिलाफ चोरी, डकैती, लूटपाट और हत्या के आरोप हैं। इस बार, इस कुख्यात डकैत गिरोह ने योजनाबद्ध तरीके से रानीगंज शहर के हृदयस्थल में दिनदहाड़े इस प्रकार की डकैती की घटना को अंजाम दिया और करोड़ों रुपये के गहने लेकर भाग गए।
आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के सक्रिय प्रयासों की वजह से इस घटना को नियंत्रित करना संभव हो पाया। इस घटना के बाद, सीआईडी और दुर्गापुर के फॉरेंसिक विभाग की विशेष टीम रानीगंज थाना क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में जांच और जानकारी जुटाने के लिए पहुंची है। उन्होंने गहनों की दुकान के साथ ही रानीगंज के कुछ अन्य हिस्सों में भी कई जानकारियाँ इकट्ठा की हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण है कि पुलिस इस पूरे डकैत गिरोह और लूटे गए सभी आभूषणों को कितनी जल्दी बरामद कर पाती है।

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