चुनाव बीतने के बाद भी बंगाल में रहेगी 320 कंपनी सेंट्रल फोर्स

कोलकाता, 22 मई । पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य भर में चुनाव के बाद हुई हिंसा में 60 से अधिक विपक्षी समर्थक-कार्यकर्ता मारे गए थे। सैकड़ो घायल हुए थे अब इससे सबक लेते हुए चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। चुनाव के बाद भी 320 कंपनी सेंट्रल फोर्स की तैनाती बंगाल में बरकरार रहेगी। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में इस बार के लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में हिंसा की आशंका जताई गई है। आशंका है कि राज्य से केंद्रीय बल हटाए जाने पर ही संघर्ष शुरू हो सकता है।

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद करीब 15 दिनों तक राज्य में केंद्रीय बल तैनात रहेंगे। यह निर्णय लिया गया है कि सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ और एसएसबी सहित केंद्रीय बल की 320 कंपनियों को राज्य के चयनित क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।

सीआईएसएफ अधिकारी ने कहा कि स्थिति के आधार पर बल को 15 दिनों से अधिक समय तक रखा जा सकता है। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को भी दे दी गई है।

उल्लेखनीय है कि 2021 की चुनाव बाद हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई मामले दायर किए गए थे। हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने 30 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। सत्ताधारी दल के कई समर्थक जेल की हिरासत में हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, पिछले एक साल में पश्चिम बंगाल में न सिर्फ चुनाव बाद हिंसा की घटनाएं बल्कि कानून-व्यवस्था बिगड़ने की भी बड़ी घटनाएं हो रही हैं। ऐसे भी आरोप लगे हैं कि उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में ईडी और पूर्वी मिदनापुर के भूपतिनगर में एनआईए जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किया गया है। इसलिए केंद्र मतदान निपटने के बाद भी बंगाल में फोर्स रखना चाहता है।

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