कोलकाता । पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लाक के बकटुही गांव में तृणमूल के उप प्रधान भादू शेख की सोमवार रात बम मारकर हत्या के बाद जमकर हिंसा हुई है। आरोप है कि बदला लेने के लिए शेख के समर्थकों ने गांव में कम से कम 10 से 12 घरों में आग लगा दी जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत के दावे किए जा रहे हैं। मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय ने दावा किया है कि केवल आठ लोगों की मौत हुई है। इनमें से सात लोगों के शव एक ही घर से बरामद किए गए हैं और एक व्यक्ति की मौत इलाज के दौरान अस्पताल में हुई है।
मालवीय ने बताया कि आगजनी की घटना में 11 लोगों की गिरफ्तारी हुई है जबकि शेख की हत्या के संबंध में हमलावरों की तलाश तेज कर दी गई है। आगजनी की घटना का किसी भी तरह से राजनीतिक संबंध होने से इनकार करते हुए उन्होंने दावा किया कि व्यक्तिगत दुश्मनी की वजह से घरों में आग लगाई गई होगी। हालांकि उनके इस दावे पर सवाल उठ रहे हैं।
मालवीय ने बताया, “कल रात तृणमूल कांग्रेस नेता भादु शेख की हत्या की खबर के एक घंटे बाद आसपास के सात से आठ घरों में आग लगा दी गई।
एक घर से सात शव बरामद किए गए, जबकि एक व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई।”
मालवीय ने कहा कि रामपुरहाट के थाना प्रभारी और एक अनुमंडल पुलिस अधिकारी को उनके पदों से हटा दिया गया है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आपराधिक जांच विभाग) ज्ञानवंत सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले को समझने के लिए मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम की अध्यक्षता में पार्टी विधायकों की तीन सदस्यीय टीम मौके पर भेजी है।
हकीम ने बताया, “तृणमूल नेता की हत्या और गांव में आगजनी एक दूसरे से जुड़ी हुई है या नहीं, अभी पता नहीं चल सका है।”
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि यह घटना स्थानीय दुश्मनी का परिणाम है।”
उन्होंने ट्वीट किया, “रामपुरहाट में आग की घटना में हुई मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं। लेकिन इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।”
तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिले के प्रमुख अनुब्रत मंडल ने बताया कि पुलिस उस कैमरे के फुटेज की जांच कर रही है जहां शेख का शव मिला था। आगजनी की घटना को लेकर अजीबोगरीब दावा करते हुए उन्होंने कहा है कि टीवी में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी है।
उधर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य के मुख्य सचिव से घटना पर तत्काल अपडेट मांगा है। ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, धनखड़ ने कहा कि वह इस घटना से आहत हैं और यह संकेत देता है कि राज्य हिंसा और अराजकता की चपेट में है।”
इधर विपक्षी नेताओं ने मुख्यमंत्री सह राज्य की गृह मंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने आग की घटना को नरसंहार बताया। सलीम ने दावा किया कि घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन “जांच और सच्चाई” को दबाने के लिए किया गया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर है।
उन्होंने कहा, “राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले एक सप्ताह में 26 हत्याएं हो चुकी हैं। केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए और बंगाल में स्थिति को अपने नियंत्रण में लेने के लिए अनुच्छेद 356 [राष्ट्रपति शासन] या अनुच्छेद 355 [राज्यों को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाने के लिए संघ का कर्तव्य] का उपयोग करना चाहिए।”
राज्य भाजपा इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा कि मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के संज्ञान में लाया गया है जो बुधवार को मामले की सुनवाई करेंगे। उधर दिल्ली में भाजपा सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है जिसके बाद केंद्र सरकार ने 72 घंटे के अंदर इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।