कोलकाता । पश्चिम बंगाल के सभी सरकारी स्कूलों में सफेद और नीले रंग के यूनिफार्म, शिक्षक नियुक्ति और अन्य मुद्दों को लेकर उठे विवाद पर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने मंगलवार को विधानसभा में सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि राज्य में रिक्त पड़े सभी पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति जल्द होगी। इसके अलावा सफेद और नीले रंग के स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर भी उन्होंने कहा कि यह फैसला जबरदस्ती स्कूलों पर नहीं थोपा गया है बल्कि यह निर्णय राज्य के विभिन्न भाषा बोलने वाले बच्चों के बीच एकीकरण में मददगार साबित होगा।
विधानसभा के प्रश्नोत्तर सत्र में शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर जवाब दिया। बसु ने कहा, “आने वाले दिनों में राज्य में और अधिक रिक्तियां नहीं होंगी। सभी पद भरे जाएं, हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बंगाल में शिक्षकों की भर्ती जल्द शुरू होगी।” हालांकि नियुक्ति कब और कैसे होगी, इस बारे में वह विशेष जानकारी नहीं दे सके। साथ ही यह बताया कि गृह जिले में शिक्षकों की भर्ती के उद्देश्य से एक और पोर्टल बनाया जा रहा है।
भाजपा विधायक शंकर घोष ने विधानसभा सत्र के उल्लेख सत्र में स्कूल यूनिफॉर्म का मुद्दा उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार स्कूली बच्चों के लिए विश्व बांग्ला के लोगो वाली नीली और सफेद यूनिफार्म लागू करने के लिए मजबूर करने की कोशिश कर रही है। आरोपों को खारिज करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘यह जबरदस्ती का मामला नहीं है। विश्व बंगाल किसी राजनीतिक दल की संपत्ति नहीं है। यह बंगाल के लोगों को एकजुट करेगा।”
इस संदर्भ में, ब्रात्य बसु ने उत्तर प्रदेश, गुजरात और असम का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘असम, गुजरात और यहां तक कि उत्तर प्रदेश में भी स्कूल यूनिफॉर्म तय कर दी गई है। हमारा फैसला बंगाल की अस्मिता से जुड़ा हुआ है। इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।