कोलकाता ; कोयला तस्करी मामले की सुनवाई में नया मोड़ आया है। जस्टिस राजशेखर महंथा ने तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी के सचिव सुमित रॉय के मामले से खुद को अलग कर लिया है। हालांकि, अदालत ने सुमित की गिरफ्तारी की रोक को बरकरार रखा है।
कोयला मामले में अभिषेक के सहायक सुमित को मुख्य गवाह बनाया गया था। सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई की शुरुआत में न्यायमूर्ति महंथा ने मामले से हटने का फैसला किया। नतीजतन, मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय की नई पीठ द्वारा किए जाने की उम्मीद है। हालांकि सुमित को थोड़ी राहत मिली है।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सुमित को दिसंबर में गिरफ्तारी से दो महीने की “अंतरिम सुरक्षा” प्रदान की थी। ईडी ने मामले की जांच का जिम्मा संभाल लिया है। कुछ हफ्ते पहले जस्टिस महंथा ने ईडी की भूमिका पर सवाल उठाया था। ईडी ने सुमित को दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन सुमित दो बार हाजिर नहीं हुए। संयोग से दो हफ्ते पहले जस्टिस महंथा ने ईडी की भूमिका पर सवाल उठाया था। उनका सवाल था कि मुख्य गवाह होने के बावजूद सुमित को केवल दो बार क्यों बुलाया गया और छोड़ दिया गया? उन्होंने यह भी कहा कि मामले में ईडी की जांच की प्रकृति सही नहीं थी। इसके तुरंत बाद, उन्होंने सोमवार को मामले से हटने की घोषणा की।