हुगली, 07 दिसंबर । उद्घाटन पहले ही हो चुका है। लेकिन अब उस चलती-फिरती स्वास्थ्य सेवा को लेकर ही तृणमूल कांग्रेस में गुटबाजी का आरोप लगा है। घटना तारकेश्वर के नैटा मालपाहाड़ ग्राम पंचायत क्षेत्र की है।
तृणमूल के ही उप-प्रधान का आरोप है कि जिस जगह पर सेवा देनी थी, पार्टी के नेताओं के इशारे पर रातोंरात उसे बदल दिया गया। इतना ही नहीं, यह खबर इलाके के सभी लोगों तक पहुंची भी नहीं। नतीजतन, अंत में स्थानीय निवासी परेशानी का सामना कर रहे हैं।
रविवार सुबह चलती-फिरती चिकित्सा सेवा का कैंप नैटा ग्राम पंचायत के पास एक स्कूल के सामने होना था। बीडीओ कार्यालय से पहले ही पंचायत को सूचित कर दिया गया था। इसके बाद पंचायत की ओर से इलाके में प्रचार भी किया गया। सुबह कई लोग सेवा लेने के लिए उस इलाके में पहुंचे। पता चला कि स्वास्थ्य विभाग के किसी लिखित निर्देश के बिना ही जहां पहले कैंप होना था, वहां से करीब चार किलोमीटर दूर कैंप लगाया जा रहा है।
इस घटना को लेकर इलाके में राजनीतिक तनातनी शुरू हो गई है। तृणमूल में गुटबाजी सामने आई है।
स्थानीय तृणमूल संचालित पंचायत के उप-प्रधान शेख मनीरुल स्थानीय नेतृत्व के खिलाफ उंगली उठा रहे हैं। उनका कहना है कि पार्टी के नेताओं ने ही पंचायत को नीचा दिखाने के लिए यह घटना को अंजाम दिया है। लोग सेवा से वंचित हो रहे हैं। नेता ही बार-बार पंचायत को दबाव में डालने की कोशिश कर रहे हैं।
उनकी इस टिप्पणी को लेकर बहस शुरू हो गई है। हालांकि, गुटबाजी के सिद्धांत को तृणमूल के तारकेश्वर ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप सिंह राय ने खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि कोई विवाद नहीं है। चलती-फिरती स्वास्थ्य सेवा की जगह स्वास्थ्य विभाग तय करता है। उस इलाके में एक व्यक्ति की मृत्यु के कारण स्थान बदला गया।
इधर, विपक्षी पार्टी भी कटाक्ष करने से नहीं चूक रहे हैं। भाजपा के आरामबाग संगठनात्मक जिले के सह-अध्यक्ष का सवाल है, “अपना विवाद खुद सुलझाएं। लोगों को परेशान क्यों किया जा रहा है?”
दूसरी ओर, स्थान परिवर्तन के बारे में तारकेश्वर ग्रामीण अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शेख हनीफ कह रहे हैं कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ही उन्होंने सेवा प्रदान की है। इससे अधिक कुछ कहना संभव नहीं है।
