रानीगंज (संवाददाता)-प्रिंस द्वारकानाथ की ऐतिहासिक धरोहर नारायण कुडी मथुरा चंडी में आज हॉलेज घर जहां से कोयले का निर्यात किया जाता है, एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस का शिलान्यास ईसीएल के निदेशक ओपी बी वीरा रेड्डी ने किया। इस दौरान निर्देशक ने कहा कि रानीगंज में ही 1813 साल में सबसे पहले रेल चलाई गई थी। प्रिंस द्वारिका नाथ ऐतिहासिक स्थल होने की वजह से सिर्फ लोगों की ही जिम्मेदारी नहीं है कि वह लोग इस ऐतिहासिक धरोहर को संभाल कर रखें बल्कि सरकारी कंपनी यानी ईसीएल की भी जिम्मेदारी है कि इसे संरक्षित रखें। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ दिन पहले ईसीएल के सीएमडी द्वारा इस इलाके का दौरा किया गया था और विगत शनिवार उनका तबादला हो गया। ईसीएल के डीटी ओपी का कहना है कि ईसीएल की तरफ से यह दायित्व लिया गया है किस क्षेत्र के विकास के लिए कुनूस्तुरिया एरिया कोलियरी काम करेगी। उन्होंने आगे कहा की ईसीएल ऐसी तकनीक लाने का प्रयास कर रही है जिसकी मदद से 300 से 400 मीटर अंदर जाकर मशीन रिमोट की सहायता से कोयला निकाल सके ताकि जान माल का नुकसान कम हो। इस दौरान प्रिंस द्वारिका नाथ टैगोर मेमोरियल हेरिटेज कमेटी के तुलसीदास भूतनाथ मंडल अरविंद सिंघानिया भी उपस्थित थे। कमेटी के सदस्यों ने कहा कि क्षेत्र को हेरिटेज बनाने के लिए हम लोग पिछले 30 सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं जिसमें हमें सफलता मिली है।