मुर्शिदाबाद, 16 सितंबर । मुर्शिदाबाद जिले के जलंगी पंचायत समिति के बोर्ड के गठन को लेकर जलंगी के तृणमूल कांग्रेस विधायक अब्दुर रज्जाक, जलंगी (उत्तर) ब्लॉक के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष विष्णुपद सरकार और तृणमूल कांग्रेस के बहरमपुर-मुर्शिदाबाद के सांगठनिक जिलाध्यक्ष शावनी सिंह रॉय के बीच टकराव तेज हो गया है।
शावनी सिंह रॉय ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि विधायक अब्दुर रज्जाक और ब्लॉक अध्यक्ष ने लगाया कि 30 सीटों वाली जलंगी पंचायत समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नौ स्थायी समितियों के गठन में वाम और कांग्रेस सदस्यों की मदद लेकर ‘गैरजिम्मेदाराना’ और ‘आपराधिक’ काम किया है। तृणमूल कांग्रेस ने इनको कारण बताओ नोटिस भेजा है।
हालांकि, दोनों विधायकों और ब्लॉक अध्यक्षों ने शनिवार को दावा किया कि शावनी सिंह रॉय को उन्हें कारण बताओ नोटिस देने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, तृणमूल सूत्रों ने बताया कि कारण बताओ नोटिस विधायक और ब्लॉक अध्यक्ष के व्हाट्सएप पर पहुंच चुका है।
विधायक ने भी व्हाट्सएप पर कारण बताओ नोटिस मिलने की बात स्वीकार की है, लेकिन ब्लॉक अध्यक्ष विष्णुपद सरकार ने कहा कि उन्हें शनिवार दोपहर दो बजे तक कोई पत्र नहीं मिला।
उल्लेखनीय है कि जलंगी विधायक अब्दुर रज्जाक का बहरमपुर-मुर्शिदाबाद सांगठनिक युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष और जलंगी पंचायत समिति सदस्य रकीबुल इस्लाम के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा है।
शुक्रवार दोपहर शावनी सिंह रॉय ने विधायक और ब्लॉक अध्यक्ष सहित कुछ अन्य पंचायत प्रमुखों को कारण बताओ नोटिस देने की घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि अब्दुर रज्जाक ने प्रदेश नेतृत्व निर्देशों की अनदेखी करते हुए पंचायत समिति के निर्वाचित वाम-कांग्रेस सदस्यों और तृणमूल सदस्यों के साथ एक बोर्ड और स्थायी समिति का गठन किया है।
शावनी सिंह रॉय ने कहा कि अब्दुर रज्जाक और विष्णुपद सरकार को सभी पार्टी गतिविधियों से दूर रखा जाएगा और जलांगी (उत्तर) में एक नया ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा।
जलंगी के तृणमूल विधायक अब्दुर रज्जाक ने कहा, मुझे नहीं पता कि तृणमूल के संविधान में एक संगठनिक जिलाध्यक्ष के पास एक विधायक को कारण बताओ नोटिस देने की शक्ति है या नहीं। लेकिन जिस तरह से उन्होंने सरेआम ‘मीरजाफर’ कहकर मेरा अपमान किया है। अगर कोई और ऐसा कहता तो मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर देता।
विधायक ने कहा, मैंने सुना है कि मेरे निजी सहायक के व्हाट्सएप पर एक पत्र भेजा गया है। लेकिन मुझे नहीं पता कि उसमे क्या लिखा है। लेकिन मैं पहले ही पूरे मामले को लेकर प्रदेश नेतृत्व से संपर्क कर चुका हूं। हि