कोलकाता : पश्चिम बंगाल फिल्म सेन्टर (रवीन्द्र सदन ) के शिशिर मंच पर विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम के प्रयाण महीने में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु कोलकाता के एक प्रसिद्ध नजरूल संस्था केन्द्र छायानट द्वारा एक विशेष सांस्कृतिक संध्या आमारे दिबो ना भूलिते का आयोजन किया गया था । इस आयोजन मे कवि नजरूल इस्लाम की नतिनी स्वयं उपस्थित थीं । कोलकाता के बहुमुखी प्रतिभा वाले कलाकारों ने नृत्य, संगीत और काव्य – आवृति के उत्कृष्ट प्रदर्शन से शाम को सुरमय और रंगीन बना डाला , जिसमे हावड़ा मंदिरतला की एक संस्था सुरदीक्षा , संस्थापिका देवारती बंद्योपाध्याय के नेतृत्व द्वारा सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन किया । तालियों की गड़गड़ाहट ने ही इस समूह के उत्कृष्टता की घोषणा कर दी । इस समूह को अथक परिश्रम के कारण सफलता मिली । कार्यक्रम के अंत में इस समूह को सम्मानित किया गया ।
हिमाद्रि मिश्रा
संयोजिका,सुरदीक्षा