कोलकाता, 13 अप्रैल । पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने उनसे पूछताछ की अनुमति सीबीआई और ईडी को दी है। इस सिलसिले में गिरफ्तार कुंतल घोष के पत्र से जुड़े मामले में जरूरत पड़ने पर सीबीआई और ईडी अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर सकती है। न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने गुरुवार को यह आदेश दिया है। उनके निर्देश के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी के खिलाफ लिखे पत्र को लेकर ईडी और सीबीआई के जांचकर्ता अभिषेक और कुंतल से पूछताछ कर सकते हैं।
भर्ती भ्रष्टाचार में कुंतल को अदालत में पेश किया गया, तब उसने कई बार कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी उन पर तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए “दबाव” डाल रही है। कुंतल ने जेल से ईडी और सीबीआई के खिलाफ पत्र भी लिखा था। उस पत्र में भी हुगली से निष्कासित युवा तृणमूल नेता ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी उन पर अभिषेक का नाम लेने का दबाव बना रहे हैं। कुंतल का आरोप पत्र प्रेसीडेंसी जेल के अधीक्षक के माध्यम से हेस्टिंग्स थाने को भेजा गया था। हाल ही में कुंतल ने निचली अदालत के जज से ऐसी ही शिकायत की थी।
अभिषेक ने 29 मार्च को शहीद मीनार में एक सभा से दावा किया था कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने मदन मित्रा और कुणाल घोष को सारदा मामले में हिरासत में रहते हुए उनका नाम लेने के लिए कहा था। संयोग से, कुंतल ने भी बाद में यही आरोप लगाया । इसपर गुरुवार को न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने टिप्पणी की कि कुंतल का पत्र अभिषेक की टिप्पणियों के अनुरूप है, इसलिए मामले की जांच की जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने आगे निर्देश दिया कि राज्य का कोई भी पुलिस स्टेशन अदालत की अनुमति के बिना भ्रष्टाचार की जांच में सीबीआई और ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सकता है। कुंतल के पत्र को देखते हुए उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि हेस्टिंग्स थाना पुलिस बिना किसी निर्देश के कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगी। न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने कहा कि अभिषेक के शहीद मीनार सभा से दिए गए भाषण के अंश को जांच से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए। ईडी और सीबीआई इस पर 28 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपेगी। जरूरत पड़ने पर वे पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने 21 मार्च से छह अप्रैल तक प्रेसीडेंसी जेल के प्रवेश और निकास के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का भी आदेश दिया। उन्होंने इसे अगली सुनवाई में कोर्ट में लाने का आदेश दिया। इसके अलावा, जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ‘विज़िटर्स बुक’ की मूल प्रति अदालत में जमा करें ताकि यह पता चल सके कि उस अवधि के दौरान प्रेसीडेंसी जेल का दौरा किसने किया था।
जस्टिस गंगोपाध्याय ने भी गुरुवार को कहा कि कुंतल के पत्र के मद्देनजर ईडी द्वारा आवेदन किए जाने के कारण उन्हें सुरक्षा दी गई है। हालांकि उन्होंने सीबीआई के वकील से यह भी कहा कि अगर सीबीआई आवेदन नहीं करती है तो सुरक्षा नहीं दी जा सकती है।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि 20 जनवरी को कुंतल के घर की तलाशी ली गई थी। उसे 21 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उस दिन उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने उन्हें ईडी की हिरासत में रखने का आदेश दिया था। अगले दौर में कुंतल को तीन फरवरी को न्यायालय में पेश किया गया। ईडी की हिरासत में कुंतल 24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी में थे। इसके अलावा हर 48 घंटे में उनकी चिकित्सकीय जांच की जाती रही। तब तक उन्होंने बैंकशाल कोर्ट में कोई आरोप नहीं लगाया। जैसे ही अभिषेक बनर्जी ने अपने सभा में उस तरह के आरोप लगाया उसके बाद कुंतल भी यह दोहराने लगा कि केंद्रीय एजेंसी उस पर दबाव बना रही हैं। यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और ईडी सीबीआई को बदनाम करने की कोशिश है। इसकी जांच होनी चाहिए। इसी पर न्यायाधीश ने अभिषेक से पूछताछ की अनुमति दी।