केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक के कार्यकाल की सीमा वर्तमान 2 साल से बढ़ाकर 5 साल तक करने के प्रावधान वाले एक विधेयक को मंगलवार को संसद की मंजूरी मिल गई। राज्यसभा में आज मंगलवार को ‘दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक 2021’ को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। लोकसभा में यह विधेयक 9 दिसंबर को पारित हो चुका है। उच्च सदन में कार्मिक, शिकायत एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह विधेयक चर्चा एवं पारित करने के लिए पेश किया
उच्च सदन में जब विधेयक पर चर्चा शुरु हुई तब निलंबित 12 विपक्षी सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य वाकआउट कर गए। विधेयक पेश करते हुए सिंह ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सतत कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि देश को भ्रष्टाचार, काले धन और अंतरराष्ट्रीय अपराध के खतरों का सामना करना पड़ा है और इसका संबंध मादक पदार्थों की तस्करी, आतंकवाद तथा अपराध से है। ए सभी देश की सुरक्षा और वित्तीय ढांचे के लिए खतरा हैं।
उन्होंने कहा कि आज अपराध के तरीकों में बदलाव हो गया है तथा यह पहले की तुलना में अधिक आधुनिक एवं संरचनात्मक हो गए हैं जिससे जांच एजेंसियों के लिए इनकी जांच करना मुश्किल हो गया है। यह विधेयक जांच में और उनकी गति बनाए रखने में मददगार होगा।
सिंह ने कहा कि यह संशोधन विधेयक इसलिए भी लाया गया है, क्योंकि ‘फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ भी हमसे वित्तीय अपराधों की जांच तथा अंतरराष्ट्रीय अपराधों की जांच के लिए संसाधनों के उन्नयन की अपेक्षा रखता है। भारत ‘फायनेन्शियल एक्शन टास्क फोर्स’ का सदस्य है।
भारत में सीबीआई निदेशक का कार्यकाल 2 साल नियत है। सिंह ने कहा कि ऐसी धारणा फैलाई गई है कि संशोधन का उद्देश्य कार्यकाल बढ़ाना है। ऐसा नहीं है बल्कि 5 साल का कार्यकाल और फिर विराम लगाना है। वर्तमान कानून के तहत 2 साल के ही कार्यकाल का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि सरकार का सुझाव है कि कार्यकाल 5 साल से अधिक नहीं होना चाहिए और यह सुझाव इसे अधिक संस्थागत, लोकतांत्रिक एवं व्यवस्थित बनाने के लिए है। मंत्री ने कहा कि हर साल कार्यकाल बढ़ाते समय समीक्षा की जाएगी और रिकॉर्ड पर स्पष्ट कारण बताया जाएगा तथा यही चयन प्रक्रिया आगे भी रहेगी।
इससे पहले संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक 2021 तथा केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 पर एक साथ चर्चा कराए जाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि हम दोनों विधेयकों को साथ साथ ले सकते हैं और इन पर एक साथ चर्चा की जा सकती है। कुछ सदस्यों ने इस पर विरोध जताया। इस पर उपसभापति हरिवंश ने दोनों विधेयकों पर अलग अलग चर्चा कराने का फैसला किया।
संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले सरकार ने पिछले माह सीबीआई के निदेशक और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने के लिए 2 अध्यादेश जारी किए थे। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक 2021 तथा केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 इन दोनों अध्यादेशों के स्थान पर ही लाए गए हैं।