कोलकाता::केंद्र और राज्य के टकराव में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को घसीटे जाने और जवानों पर चेकिंग के बहाने महिलाओं को गलत तरीके से छूने के आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विधायक उदयन गुहा द्वारा लगाए जाने को लेकर अर्ध सैनिक बल ने प्रतिक्रिया दी है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल के एडीजी वाईबी खुरानिया ने बुधवार को कोलकाता के लॉर्ड सिन्हा रोड स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन आरोपों को दुर्भाग्यजनक करार दिया। उन्होंने कहा कि सीमा पर प्रत्येक चेकिंग पॉइंट पर महिला बीएसएफ कर्मियों की तैनाती है जो महिलाओं की जांच पड़ताल करती हैं। इसके अलावा हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे सजग रहने वाले जवानों के खिलाफ इस तरह के आरोप दुर्भाग्यजनक है।
खुरानिया ने कहा, “जो आरोप लगाए गए हैं वे वाकई दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हमारे पास चार हजार से अधिक महिलाएं सैनिक हैं। सीमा क्षेत्र के सभी प्रवेश द्वारों पर सीसीटीवी लगे हैं। सभी आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है। यदि कोई विशेष शिकायत है, तो उसकी जांच की जानी चाहिए।”
बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाने को लेकर मचे हंगामे पर उन्होंने कहा, “अगर यह 15 किमी से बढ़कर 50 किमी हो जाती है, तो इसके लिए जमीन लेने का कोई सवाल ही नहीं है। नया बीओपी बनाने की कोई जरूरत नहीं है। बीएसएफ उसी तरह काम करती रहेगी, जैसे वह सीमा से 15 किमी करती थी।
खुरानिया ने कहा, “बीएसएफ कोई जांच एजेंसी नहीं है। हमें एफआईआर करने का अधिकार नहीं है। बंदियों की तलाश करना और उन्हें पकड़ना हमारा काम है। उसके बाद जब्ती और अन्य कार्यवाही राज्य पुलिस ही करती है। राज्य पुलिस के साथ अच्छे संबंध बनाए हुए हैं। हम राज्य पुलिस के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। ऑपरेशन को अलग-अलग समय पर संयुक्त रूप से अंजाम दिया जाता है। क्षेत्राधिकार बढ़ाने के परिणामस्वरूप बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां प्राप्त नहीं होंगी। सीमा के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने से कानून-व्यवस्था बनाए रखने में हस्तक्षेप नहीं होगा।”