अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए ममता सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रख बीएसएफ के खिलाफ प्रस्ताव पास किया : भाजपा

कोलकाता, सीमाई क्षेत्रों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव पारित किए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई ममता सरकार पर हमलावर हो गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि ममता दीदी के अल्पसंख्यक भाइयों को खुश करने के लिए ही राज्य सरकार ने यह प्रस्ताव पारित किया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि एक विशेष समुदाय (अल्पसंख्यकों) को खुश करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रखकर बीएसएफ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ोतरी हो जाने के बाद अब बांग्लादेश सीमा पार करने वाले ममता बनर्जी के समर्थक शेख भाइयों की गिरफ्तारी होगी अथवा सीमा पर अपराध करने वाले उनके प्रिय खास समुदाय के लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी इसलिए राज्य सरकार इसका विरोध कर रही है।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ के खिलाफ राज्य विधानसभा में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों ने जिस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं वह डराने वाला है। ऐसा लग रहा था जैसे विधानसभा में नहीं बल्कि अफगानिस्तान में बैठे हुए हैं और भारतीय सेना के खिलाफ नफरत उगली जा रही है। अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ के जवान सीमा पर रात भर जगते हैं तो हम अपने राज्य में घरों के अंदर शांति से सो पाते हैं। कई बार आतंकियों, उग्रवादियों, तस्करों की गोली का शिकार होकर जवान शहीद हो जाते हैं, लेकिन उनके बारे में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक ने जिस तरह का बयान दिया है वह अत्यंत निंदनीय है।
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महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर ममता बनर्जी से मांगा जवाब
– उन्होंने कहा कि बंगाल में चुनाव बाद बड़े पैमाने पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा हुई, दुष्कर्म किए गए, दुष्कर्म की कोशिश हुई लेकिन इस संबंध में ममता बनर्जी ने आज तक एक शब्द नहीं बोला। उन्हें इस बारे में बोलना चाहिए।

दिलीप घोष ने कहा कि बीएसएफ का जो क्षेत्राधिकार बढ़ा है उससे घुसपैठियों को सीमा के विस्तृत दायरे में पकड़ने में बीएसएफ को मदद मिलेगी। बाद में पकड़े गए लोगों को आखिरकार पुलिस को ही सौंपा जाएगा। इसके पहले कांग्रेस सरकार ने भी इस तरह का निर्णय लिया था तब ममता बनर्जी ने विरोध नहीं किया था क्योंकि वह कांग्रेस की सरकार के साथ केंद्र की सत्ता में शामिल थीं। लेकिन अब जबकि वह भाजपा की मुखालफत कर रही हैं तो बीएसएफ को बदनाम करने की कोशिश हो रही है और इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जा रहे हैं। यह विशेष समुदाय को खुश करने की कोशिश है भले ही राष्ट्र की सुरक्षा ताक पर रख दी जाए। यह सब कुछ राजनीति से प्रेरित है ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को खुश किया जा सके।

उसी तरह से प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि सीमा पार से अवैध तरीके से घुसपैठ कर ममता बनर्जी के लिए वोट बैंक बनने वाले उनके प्रिय भाइयों को खुश करने के लिए बीएसएफ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा रहा है। यह देश की सुरक्षा से खिलवाड़ है और ममता सरकार की मानसिकता भी उजागर करता है।
उल्लेखनीय है कि बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ मंगलवार को राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित हुआ है जिसे दिल्ली भेजा जाएगा। इस पर चर्चा के दौरान सीमा से सटे कूचबिहार जिले के दिनहाटा से तृणमूल कांग्रेस के विधायक उदयन गुहा ने दावा किया था कि सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान चेकिंग के नाम पर महिलाओं को अश्लील तरीके से छूते हैं। इसी को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर तीखा हमला बोला है और चुनाव बाद महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी से जवाब मांगा है।

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