वेद रूपी कल्पवृक्ष का परिपक्व फल है – श्रीमद्भागवत कथा : परम श्रद्धेय भाईश्री रमेश भाई ओझा

कोलकाता । जय नन्द लाला, कृष्ण कन्हैया, जय गोपाला … वृंदावन में नन्द किशोर … भक्तिमय वातावरण में परम श्रद्धेय भाईश्री रमेश भाई ओझा ने श्री विशुद्धानंद हॉस्पिटल द्वारा काकुड़गाछी में सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में नन्द बाबा एवम् मां यशोदा का कृष्ण प्रेम, माखन चोरी, राधा की श्रीकृष्ण भक्ति, गोवर्धन पर्वत अंगुली पर धारण करने तथा असुरों के संहार सहित श्रीकृष्ण की विविध लीलाओं को सुना कर भाव विभोर किया । भाईश्री ने कहा श्रीकृष्ण का बांसुरी वादन गोपियों के कृष्ण प्रेम का प्रतीक है । भाईश्री ने कहा वेद रूपी कल्पवृक्ष का परिपक्व फल है – श्रीमद्भागवत कथा । रास रचो वृंदावन एवम् भजनों की अमृत वर्षा से श्रोताओं को भाव – विभोर करते हुए कहा चंचल भंवर की तरह सांसारिक सुख की चाहत सभी प्राणियों को है । श्रीकृष्ण ने गीता में कहा – कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन अर्थात आपका अधिकार कर्म करने में है, उसके फल पर कभी नहीं । भाईश्री ने ईश्वर द्वारा प्रदत्त मानव जीवन में धन और समय का सदुपयोग राष्ट्र एवम् समाज के हित में करने की प्रेरणा दी । भाई श्री ने कहा सूर्योदय और सूर्यास्त की तरह मानव जीवन में जन्म और मृत्यु , सुख और दुःख शाश्वत सत्य है । भारत में सूर्योदय के समय विश्व के अनेक देशों में रात्रि का समय होता है । ग्रीष्म, शरद, वर्षा ऋतु का कारण ईश्वर द्वारा संरचना की हुई प्रकृति है । सूर्य, चंद्रमा और तारों के प्रकाश से विश्व में उजाला है । पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश पंच तत्व हैं । कथा स्थल पर विद्वान पंडितों द्वारा स्थापित देवी – देवताओं का पूजन, पूर्णाहुति हवन में पोथी यजमान, श्रद्धालु भक्त शामिल हुए । भाईश्री ने श्री विशुद्धानंद हॉस्पिटल एवम् सहयोगी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर अपने आशीर्वचन में निरन्तर कर्तव्य निष्ठा से सेवा कार्य करने की प्रेरणा दी । धर्मानुरागी, समाजसेवी अशोक – अम्बिका बाजोरिया परिवार, बनवारीलाल सोती, ओम जालान, नरेन्द्र, सुरेन्द्र अग्रवाल, श्याम सुन्दर अग्रवाल, विश्वनाथ सेकसरिया, बिमल भिवानीवाला, महेश भुवालका, चांद रतन लखानी, विधायक परेश पाल, गौरांग दास महाराज (वृंदावन) एवम् पोथी यजमानों ने सपरिवार व्यास पीठ का पूजन किया तथा सामूहिक आरती में शामिल हुए ।

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