मैथन आदर्श सेवा समिति की 24वॉ वार्षिक कार्यक्रम विभिन्न प्रतियोगिता तथा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ कल देर रात समाप्त हुआ।
कार्यक्रम के उद्घाटन डीवीसी के उप-महाप्रबंधक(असैनिक) विश्व मोहन गोस्वामी ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथियों में डीवीसी के उप- महा प्रबंधक (यांत्रिक), डॉ० चंदन कुमार , डीवीसी उच्च विद्यालय के प्राचार्य आई बी झा, डिनोवली स्कूल के प्राचार्य शुक्ला चौधरी, समिति के अध्यक्ष अशोक मंडल, कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन पाठक विकल, सीडब्ल्यूसी के निर्देशक शशि राकेश ,डीवीसी उच्च विद्यालय(पंचेत) के पूर्व प्राचार्य पुलक राय, शिक्षक निर्मल सरकार, चित्र कलाकार सुमित गांगुली, पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ पत्रकार विश्व देव भट्टाचार्य, समाजसेवी रेवा सेनगुप्ता तथा संगीता गांगुली उपस्थित थे । इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीगोस्वामी ने कहा कि समिति 24 वर्षों से सामाजिक क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिसके तहत कला, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में मेधावी छात्रों को सम्मानित करना एवं असहाय जरूरतमंद लोगों को मदद करना शामिल है। कार्यक्रम का संचालन समिति के सचिव शंकर गांगुली ने किया।
कार्यक्रम में उद्घाटन संगीत बार्बी मजूमदार ने किया जबकि उद्घाटन नृत्य श्रीजयी गांगुली ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल तथा झारखंड के विभिन्न विद्यालय से सैकड़ो विद्यार्थियों ने चित्रकला क्विज तथा भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिताओं मैं सफल पांच विद्यार्थियों को मोमेंटो तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में मयुख साहा व बार्बी मजूमदार का संगीत एवं श्रीजोई गांगुली, राजदीप मंडल, रितिका कुमारी का एकल नृत्य तथा स्नेहा सुमन, श्रेया सुमन व पूनम कुमारी का जुगल नृत्य लोगों का मन छू लिया। चित्रकला प्रतियोगिता में चारो ग्रुप में प्रथम स्थान उज्जैनी दासगुप्ता, शिवाऋतो दे, श्रेयसी पाल, महाजवीन अहमेद ने दखल किया जबकि भाषण प्रतियोगिता में दो ग्रुप के हिंदी में श्रीजोई गांगुली तथा गुनगुन कुमारी अंग्रेजी में सृति कुमारी तथा महानाज अहमद ने प्रथम स्थान दखल किया। जबकि क्वीज के तीनों ग्रुप में भीभान कुमार शर्मा, खुशी कुमारी केवट तथा नारायण कुमार ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सचिव शंकर गांगुली, सुदामा शर्मा, असित कुमार बोस, निमाई मंडल,अल्तमश, अतनु दास, अनुपम साहा आदि का सराहनीय योगदान रहा।