कोलकाता में मेले पर वर्चस्व को लेकर ममता और अभिषेक के समर्थकों में जमकर हिंसा, गोली चलाने के भी आरोप

 

कोलकाता । पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक बार फिर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी हिंसक रूप में सामने आई है। यहां के बेहला चड़कतला इलाके में लगने वाले मेले पर वर्चस्व को लेकर तृणमूल के पुराने कार्यकर्ताओं और तृणमूल युवा के सदस्यों के बीच हिंसक टकराव हुआ है। तृणमूल की युवा इकाई के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी हैं जबकि पुराने कार्यकर्ता ममता बनर्जी के गुट के माने जाते हैं। इसीलिए दावा किया जा रहा है कि ममता और अभिषेक के समर्थकों के बीच यह हिंसा हुई है। बुधवार रात कम से कम 10 गाड़ियां तोड़ दी गई हैं। पुलिस के वाहन में भी तोड़फोड़ हुई है। एक स्कूल वैन को पूरी तरह से चकनाचूर कर दिया गया है। तृणमूल पार्टी दफ्तर की खिड़की के कांच, सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए हैं। मंगलवार रात रह रह कर कई बार टकराव हुआ जिसमें आरोप है कि दो राउंड गोली चली है। दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर ईंट-पत्थर बरसाए। 121 नंबर वार्ड में तृणमूल युवा के दो कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं। एक महिला का सिर फट गया है। घटना के विरोध में युवा कार्यकर्ताओं ने बुधवार सुबह आधे घंटे तक सड़क जाम भी किया जिन्हें समझा-बुझाकर हटाया गया है। इस मामले में पुलिस ने जनरल डायरी की है और हमलावरों की गिरफ्तारी की कोशिश हो रही है।
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विपक्ष हमलावर
– घटना को लेकर एक बार फिर विपक्ष ममता बनर्जी पर हमलावर हो गया है। स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने दावा किया है कि जो लोग हमले कर रहे हैं वे पुराने माकपाई थे और अब तृणमूल के हैं। हालांकि माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि ममता बनर्जी ने एक सप्ताह के अंदर पूरे राज्य से हथियारों को बरामद करने के आदेश दिए थे लेकिन राजधानी कोलकाता में गैरकानूनी हथियारों की बरामदगी नहीं हुई है यह बात मंगलवार रात फायरिंग से साबित हो गई है। तृणमूल की आपसी गुटबाजी और रंगदारी वसूली की संस्कृति की वजह से आम लोग परेशानी में पड़े हुए हैं।
दूसरी ओर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि पूरे राज्य में तृणमूल कांग्रेस की यही स्थिति है।

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