
हरिद्वार : अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की सर्वोच्च नीति निर्धारक ‘अखिल भारतीय समिति’ की द्वितीय बैठक उत्तराखंड प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के आतिथ्य में होटल सिटी प्राइड, हरिद्वार में आयोजित हुई। राष्ट्रीय अध्यक्ष व सभी गणमान्य मंचासीन व्यक्तियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर बैठक का शुभारंभ किया।
स्वागत भाषण में उत्तराखंड प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष खेतान ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों व अखिल भारतीय समिति के सदस्यों का उत्तराखंड प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से स्वागत, अभिनंदन करते हुए कहा कि अखिल भारतीय समिति की बैठक के आयोजन का अतिथ्य उत्तराखंड प्रादेशिक मारवाडी सम्मेलन को राष्ट्रीय टीम द्वारा देना प्रादेशिक संगठन व मेरे लिए बड़े गौरव की बात है। 12 वर्षों के अंतराल के बाद हमें आप सभी ने आयोजन के आतिथ्य का गुरुभार सौंपा उसे हमने सुव्यवस्थित ढंग से करने का प्रयास किया है। राष्ट्रीय नेतृत्व में हम उत्तराखंड में सांगठनिक विकास की दिशा में अग्रसर हैं।आगे भी हम अपने सांगठनिक विकास को अबाध रूप से आप सबके मार्गदर्शन में बढ़ाते रहेंगे।
अध्यक्षीय संबोधन के शुरुआत में श्री लोहिया ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रंजीत जालान के मार्गदर्शन में उत्तराखंड प्रांतीय पदाधिकारियों द्वारा सुंदर आयोजन के लिए साधुवाद दिया। साथ ही पूर्वोत्तर दौरे के मीठे अनुभवों को लोगों से साझा किया एवं बेहतर और सुव्यवस्थित आयोजन के लिए पूर्वोत्तर के अध्यक्ष, पदाधिकारियों व सदस्यों को साधुवाद दिया तथा उनके सांगठनिक कुशलता की मुक्तकंठ प्रशंसा की। श्री लोहिया ने उपस्थित लोगों को सम्मेलन के संक्षिप्त इतिहास व सामाजिक कार्यों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन हमें ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है। जो लोग समाज का कार्य करते हैं या देते हैं, उससे ज्यादा उन्हें वापस समाज से मिलता है। हमारे पास काम करने का अवसर बहुत है और इच्छाशक्ति भी है। उन्होंने सभी से अपील की कि सम्मेलन के सोशल मीडिया पेज फेसबुक और इंस्टाग्राम से खुद जुड़े और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ें। आगे श्री लोहिया ने इस सत्र में विभिन्न प्रांतों में खुले 32 शाखाओं के लिए प्रांतीय पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

भावी गतिविधियों की चर्चा करते हुए श्री लोहिया ने कहा कि हमें पिछले अधिवेशन में पारित प्रस्ताव 1. मायड़ भाषा का प्रचार, 2. प्री-वेडिंग फोटोशूट, सडकों पर नृत्य, ड्रेस कोड का विरोध, 3. विवाह समारोह में मद्यपान निषेध की जागरुकता पर जोर देने की जरूरत है।
तत्पश्चात राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी ने जुलाई 2023 को कोलकाता में आयोजित पिछली अखिल भारतीय समिति की बैठक का कार्यवृत्त सभा पटल पर रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। राष्ट्रीय महामंत्री श्री तोदी ने पिछली बैठक के बाद से अब तक के सम्मेलन के क्रियाकलापों पर ‘महामंत्री की रपट’ प्रस्तुत की। साथ ही साथ श्री तोदी ने सम्मेलन के डिजिटलीकरण की रूपरेखा पर विस्तार से सदस्यों को अवगत करवाया।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मधुसूदन सीकरिया ने अपने भावी योजना की जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वोत्तर, सिक्किम और गुजरात में संगठन को विस्तार देने के लिए इन सभी प्रांतों का दौरा किया है। पूर्वोत्तर के संगठन विस्तार से आप सभी परिचित हैं। गुजरात में सूरत जिला इकाई का गठन हुआ है। सिक्किम में भी संगठन विस्तार के लिए प्रयास जारी है।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रंजीत जालान ने संगठन प्रगति तथा भावी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में शाखाएं खुल गई हैं, इस सत्र तक 10 और शाखाएं खोलने का हमारा लक्ष्य है। उत्तराखंड में चार शाखाओं का गठन हुआ है और निकट भविष्य में 3 शाखाएं खुल जाएंगी। दिल्ली में प्रांतीय संगठन के संपर्क में हूं और आशा करता हूं कि जल्द हम वहां भी संगठन विस्तार करेंगे।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष अग्रवाल ने संगठन प्रगति तथा भावी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि मेरे प्रभार प्रदेश कर्नाटक, तमिलनाडु व तेलंगाना में सदस्यता बढ़ाने पर प्रांतीय पदाधिकारी प्रयत्नशील हैं। आगामी दिनों में गुजरात बैठक के बाद हम कर्नाटक में एक बैठक के आयोजन करने की ओर अग्रसर हैं। सम्मेलन में सामंजस्य के साथ काम करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेश जालान ने सांगठनिक विकास के लिए हमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश व कर्नाटक में विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।
महामंत्री पूर्वोत्तर विनोद लोहिया, उत्तराखंड संजय जाजोदिया, छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रतिनिधि नारायण भूषणिया तथा दिल्ली के सुंदरलाल शर्मा ने अपने-अपने प्रांत का रपट प्रस्तुत किया।
राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष केदार नाथ गुप्ता ने 2023-25 सत्र का अब तक का वित्तीय रपट प्रस्तुत किया।
सम्मेलन के कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा करते हुए बैठक में मायड भाषा के प्रचार प्रसार के संबंध में प्रत्येक समाज बंधुओ से अनुरोध किया गया कि अपने घर में मायड भाषा का प्रयोग करें। सम्मेलन का इस सत्र का नारा है- आपणो समाज-एक समाज-श्रेष्ठ समाज। इसके अंतर्गत सभी घटकों को एकबंद्ध होकर समाज एवं सम्मेलन को मजबूत करना है। वर्तमान लोकसभा के चुनाव के परिप्रेक्ष्य में यह निर्णय लिया गया कि समाज-बंधु अधिक से अधिक मतदान में भाग लें एवं यह सुनिश्चित करे कि मतदान वाले दिन मतदान केंद्र में जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें। राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित समाज-सुधार संबंधित प्रस्ताव के प्रचार-प्रसार एवं लागू करने के लिए सभी समाज-बंधुओं से अनुरोध किया गया। संस्कार संस्कृति चेतना कार्यक्रम के संबंध में सभी समाज-बंधुओं से अनुरोध किया गया कि अपने परिवार में एवं समाज में संस्कार-संस्कृति के प्रचार के लिए एवं अपनाने के लिए यथायोग्य प्रयास करें।
निवर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन कुमार गोयनका, दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष पूर्वोत्तर ओम प्रकाश खंडेलवाल, मन्ना लाल बैद, सुषमा अग्रवाल, मनोज कुमार जैन (काला), सीताराम अग्रवाल ने अपना सारगर्भित उद्बोधन दिया।
सर्वप्रथम सभी उपस्थित राष्ट्रीय, प्रांतीय पदाधिकारियों का आतिथ्य प्रांत उत्तराखंड ने राजस्थानी पगड़ी, दुपट्टा, माला से सम्मान किया।
अंत में राष्ट्रीय महामंत्री श्री तोदी ने प्रांतीय पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब दिया तथा बैठक का सफल संचालन किया।
राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री संजय गोयनका ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
बैठक के बाद उत्तराखंड में नवगठित शाखा पदाधिकारियों के साथ राष्ट्रीय एवं प्रांतीय पदाधिकारियों ने समन्वय बैठक की, जिसमें राष्ट्रीय तथा प्रांतीय पदाधिकारियों ने शाखा पदाधिकारियों के संदेहों, प्रश्नों का तर्कपूर्ण उत्तर देकर उनके शंकाओं का समाधान किया।
