भांगड़, 17 मार्च । तृणमूल नेता शौकत मोल्ला के नेतृत्व में तृणमूल के मौन मार्च को लेकर गुरुवार को पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को तृणमूल के मार्च के लिए वैध अनुमति नहीं थी। ग्यारहवीं और बारहवीं की परीक्षा चल रही है। ऐसे में बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रशासन किसी भी तरह के राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं देता है। इसके बावजूद तृणमूल ने बिना इजाजत मार्च निकाला। इतना ही नहीं पुलिस के मुताबिक रैली मौन मार्च के नाम पर निकाली गई थी लेकिन तृणमूल समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। आरोप है कि उच्च माध्यमिक परीक्षा के दौरान बसंती हाई-वे जैसे व्यस्त मार्ग काफी देर तक जाम रहा। इसके बाद पुलिस ने तृणमूल के जुलूस पर मामला दर्ज कर लिया।
उल्लेखनीय है कि गत रविवार रात शौकत मोल्ला को फुरफुरा शरीफ जाने पर चोर-चोर के नारों का सामना करना पड़ा था। शौकत ने उस घटना के खिलाफ विरोध रैली का आह्वान किया। इसको लेकर पहले आईएसएफ विधायक नौसाद सिद्दीकी ने विरोध किया था। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस ने इस जुलूस की अनुमति कैसे दी? लेकिन तृणमूल ने पुलिस से अनुमति लेने की जरूरत ही महसूस नहीं की। वहीं, पुलिस ने गुरुवार जुलूस को नहीं रोका लेकिन शिकायत दर्ज कर लिया। पुलिस के मुताबिक, 21 जनवरी को हतीशाला में तृणमूल और आईएसएफ के बीच झड़प के कारण इलाके में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई थी। उस घटना को ध्यान में रखते हुए तृणमूल के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई। इस पर बारूईपुर पुलिस जिला के अतिरिक्त अधीक्षक मकसूद हसन ने कहा कि कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है। हालांकि जुलूस के आयोजक शौकत मोल्ला ने कहा कि हमने जुलूस के लिए अनुमति मांगी थी, जो पुलिस ने नहीं दी। एक मौन मार्च होना चाहिए था, जो हुआ