तृणमूल सदस्यों ने अपने ही पंचायत प्रधान को दफ्तर में घुसने से रोका, ताला भी लगाया

 

कोलकाता । राजधानी कोलकाता से सटे हावड़ा जिले के डोमजूर इलाके में तृणमूल कांग्रेस के पंचायत सदस्यों ने अपने ही पंचायत प्रधान को दफ्तर में घुसने से रोक दिया हैं। आरोप है कि चक्रवात अम्फन के समय उन्होंने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया और राज्य सरकार से मिली वित्तीय राशि का गबन किया है। सोमवार को जब पंचायत प्रधान कालड़ा एक नंबर ग्राम पंचायत दफ्तर में घुस रही थीं, तभी उन्हीं की पार्टी के पंचायत सदस्यों ने उन्हें घुसने से रोक दिया। काफी हंगामा हुआ जिसके बाद पुलिस भी मौके पर जा पहुंची। तृणमूल सदस्यों ने दावा किया कि पंचायत प्रधान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करते रहे हैं और वित्तीय राशि का गबन की हैं। इन सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि वे विपक्षी सदस्यों के साथ मिलकर पंचायत चलाते हैं जबकि अपनी ही पार्टी के पंचायत सदस्यों से कोई विचार-विमर्श नहीं करते। पंचायत प्रधान का नाम नीलूफा मल्लिक है। पता चला है कि इस ग्राम पंचायत में कुल 12 सदस्यों में से नौ तृणमूल के हैं, दो भाजपा के और एक निर्दलीय है। आरोप है कि निलूफा की जगह उनके पति प्रतिदिन पंचायत दफ्तर में आकर बैठते हैं और हर एक काम में हस्तक्षेप करते हैं। हाल ही में पंचायत दफ्तर से एक लैपटॉप की चोरी हुई है। आरोप है कि इसके पीछे भी नीलूफा के पति का हाथ है। पुलिस ने एक लिखित शिकायत भी दर्ज कर ली है। इस बारे में निलूफा से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य गैर कानूनी काम करवाना चाहते हैं। इसे करने से इनकार किया जा रहा है इसलिए झूठे आरोप लगा रहे हैं।

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