ममता कैबिनेट विस्तार के बाद बदल गया मंत्रालय का स्वरूप, चार मंत्री हटाए गए, आठ नए बने

 

कोलकाता । तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को अपने कैबिनेट का विस्तार किया है। इसमें आठ नए मंत्रियों को शामिल करने के साथ ही पुराने कैबिनेट से चार मंत्रियों की छुट्टी भी कर दी गई है। बुधवार को मंत्रिमंडल की जो नई सूची देर शाम राज्य सचिवालय से जारी हुई है उसमें देखा जा सकता है कि राज्य में 24 कैबिनेट मंत्री हैं। जबकि 19 राज्य मंत्री हैं और 10 मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है।

मंत्रिमंडल के नौ नए मंत्रियों को राज्यपाल ला गणेशन ने शपथ पाठ कराया। इसके बाद उनके बीच भी मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया गया है।
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इन्हें मंत्रिमंडल से हटाया गया
– नई सूची के मुताबिक राज्य मंत्रिमंडल में सिंचाई विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे सोमेन महापात्र को हटा दिया गया है। उन्हें पहले ही तृणमूल कांग्रेस में सांगठनिक स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। शारीरिक अस्वस्थता की वजह से रत्ना दे नाग को भी मंत्री पद से हटाया गया है और हुमायूं कबीर तथा परेश चंद्र अधिकारी जिनकी बेटी को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक की नौकरी दी गई थी उन्हें भी मंत्रिमंडल से हटाया गया है।
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किसे मिला कौन सा मंत्रालय
– शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के पास तीन मंत्रालय थे। उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स और संसदीय कार्य विभाग। इनमें से उद्योग मंत्रालय महिला और बाल विकास मंत्री शशि पांजा को दिया गया है जबकि शोभन देव चट्टोपाध्याय को संसदीय कार्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के सांसद रहे बाबुल सुप्रीयो को आईटी मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी गई है। ममता कैबिनेट में बेहद खास और ममता बनर्जी के करीबी फिरहाद हकीम की जिम्मेदारियां घटा दी गई हैं। उनके पास शहरी विकास विभाग के अलावा हाउसिंग डेवलपमेंट और परिवहन विभाग था लेकिन परिवहन विभाग का मंत्रालय नए मंत्री बने स्नेहाशीष चक्रवर्ती को दे दिया गया है और हाउसिंग डेवलपमेंट विभाग अरूप विश्वास को दिया गया है। अरूप बिस्वास के पास अब तक विद्युत और क्रीड़ा तथा युवा विकास विभाग था।
बाबुल सुप्रियो को इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा पर्यटन विभाग भी दिया गया है।
शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी जिनकी बेटी अंकिता अधिकारी को हाईकोर्ट ने गैरकानूनी तरीके से नियुक्ति की वजह से शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश दिया है, उन्हें भी मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। उनकी जगह नवनियुक्त मंत्री सत्यजीत बर्मन को राज्य मंत्री की जिम्मेवारी दी गई है। दिवंगत सुब्रत मुखर्जी के मंत्रालय पंचायत विभाग को अब तक पुलक रॉय अतिरिक्त तौर पर संभाल रहे थे लेकिन अब पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग नए मंत्री प्रदीप मजूमदार को दिया गया है। सोमेन महापात्रा को मंत्रिमंडल से हटा कर ममता ने उनका सिंचाई और जल परिवहन विभाग नए मंत्री बने पार्थ भौमिक को सौंपा है। पहले ममता कैबिनेट में मंत्री रहे गुलाम रब्बानी के पास उत्तर बंगाल विकास विभाग था लेकिन अब यह नए मंत्री बने उदयन गुहा को सौंप दिया गया है। इसी तरह से राज्य में कानून मंत्री मलय घटक की भी जिम्मेवारी कम कर दी गई है। उनके पास कानून मंत्रालय तो है लेकिन नगरपालिका विभाग उनसे लेकर पुलक राय को दे दिया गया है। पहले बेचाराम मन्ना के पास लेबर डिपार्टमेंट था लेकिन अब वह मलय घटक को अतिरिक्त तौर पर दे दिया गया है। उज्जवल विश्वास अब कारागार विभाग के मंत्री पद से हटकर विज्ञान और तकनीक विभाग के मंत्री बने हैं। बेचाराम मन्ना को कृषि विपणन मंत्रालय दिया गया है। इसके अलावा पंचायत विभाग के राज्यमंत्री भी वर बरकरार हैं। दिवंगत मंत्री साधन पांडे के पास मौजूद उपभोक्ता विभाग अब तक मानस भूइयां संभाल रहे थे लेकिन अब यह विभाग विप्लव मित्र को दिया गया है। उनके हाथ पहले कृषि विपणन विभाग था।
आदिवासी विधायक बीरबाहा हांसदा पहले उपभोक्ता विभाग की राज्यमंत्री थीं। उनकी पदोन्नति हुई है और आत्मनिर्भर तथा स्वयं सहायता समूह विभाग की कैबिनेट मंत्री बनाई गई हैं।

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